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अपडेटेड 1 July 2025 at 12:44 IST

वैभव मालू की नई किताब है विकसित भारत का ब्ल्यूप्रिंट- आखिर क्या है An Indian Manifesto?

वैभव मालू के मुताबिक यह किताब एक सोच है, एक योजना है, और एक सपना है – एक ऐसे भारत का, जो न सिर्फ विकास की दौड़ में आगे हो, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत बनाए रखे।

Reported by: Digital Desk
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An Indian Manifesto by Vaibhav Maloo
An Indian Manifesto by Vaibhav Maloo | Image: An Indian Manifesto

भारत आज दुनिया में अपनी नई पहचान बना रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत अपनी अलग छाप छोड़ रहा है व आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। तमाम लेखक और विचारक भारत की इस नई उड़ान को अपनी तरह से उल्लेख कर रहे है। इसी कड़ी में एक नाम जिसने सुर्खियों का रुख किया है वह है Enso Group के मैनेजिंग डायरेक्टर वैभव मालू।

आम तौर पर अपना दुनियाभर में फैला हुआ कार्यभार संभालने वाले मालू जब कलम अपने हाथ में लेते है तब उनके विचार लाखों तक पहुंचते है। हाल ही में आई उनकी नई किताब ' एन इंडियन मैनिफेस्टो: ए विज़न फॉर टूमोरोज़ इंडिया (‘An Indian Manifesto: A Vision for Tomorrow’s India’) ने धूम मचा दी है। इस किताब को पब्लिश किया है पैन मैकमिलन ने और डिस्ट्रीब्यूशन की जिम्मेदारी संभाली है सृष्टि पब्लिशर्स ने, जिनके साथ जुड़े हैं लैबिरिंथ एजेंसी के अनिश चंडी।

मालू के मुताबिक यह किताब एक सोच है, एक योजना है, और एक सपना है – एक ऐसे भारत का, जो न सिर्फ विकास की दौड़ में आगे हो, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत बनाए रखे। वैभव मालू ने अपने अनुभव और वैश्विक व्यवस्थाओं का आंकलन करते हुए इसमें भारत सरकार की 54 मंत्रालयों के लिए ठोस और व्यावहारिक सुझाव दिए हैं।

किताब में मालू, शिक्षा मंत्रालय के लिए सांस्कृतिक इंटेलीजेंस को सिलेबस में जोड़ने की बात करते हैं, तो वही पर्यावरण मंत्रालय के लिए एक climate-resilient infrastructure बनाने का सुझाव देते हैं। किताब के हर चैप्टर में आंकड़ों के साथ विश्लेषण, योजनाएं और समाधान शामिल हैं जो इसे एक बेहद ही डिटेल्ड एनालिसिस के रूप में प्रस्तुत करती है।

इस किताब में  एनसो ग्रुप के बिजनेस एनालिस्ट,  धवल पिंगुलकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिन्होंने फाइनेंशियल और सेक्टोरल मामलों को विस्तार से समझाया है।

मालू ने जर्मनी के स्किल ट्रेनिंग सिस्टम और सिंगापुर की अर्बन प्लानिंग जैसी अंतरराष्ट्रीय मिसालों का जिक्र करते हुए उन्हें भारतीय ज़रूरतों से जोड़ा है। साथ ही, स्वदेशी सोच जैसे आत्मनिर्भरता, नैतिक शासन और समग्र विकास पर भी रोशनी डाली है।

जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को 2047 तक 'विकसित भारत बात करते है, वहां ऐसी किताब बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह किताब विकास और स्किल डेवलपमेंट के लिए परफेक्ट ब्लूप्रिंट साबित हो सकती है।

मालू की किताब अब एमेजॉन पर उपलब्ध है व तुरंत पढ़ने के लिए आप इसे किंडल द्वारा E-book के रूप में भी प्राप्त कर सकते है।

पब्लिश्ड 1 July 2025 at 12:44 IST