अपडेटेड 7 July 2025 at 13:20 IST

ऑर्थोग्रिट से संभव है गठिया का उपचार

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि ऑर्थोग्रिट इसी आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का संगम है, जो गठिया जैसी असाध्य मानी जाने वाली बीमारी को भी मूल रूप से समाप्त करने की क्षमता रखता है।

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arthritis treatement | Image: arthritis treatement

राष्ट्रीय/ हरिद्वार, 01 जुलाई : पतंजलि के वैज्ञानिकों ने जोड़ों के दर्द यानि गठिया या जिसे आर्थराइटिस भी कहा जाता हैके उपचार में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। आयुर्वेद आधारित औषधि ऑर्थोग्रिट पर किया गया पतंजलि का यह नवीन शोध Elsevier प्रकाशन के अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल Pharmacological Research – Reports में प्रकाशित हुआ है। यह अध्ययन दर्शाता है कि ऑर्थोग्रिट गठिया के कारण होने वाली सूजन को कम करनेकार्टिलेज के घिसाव को रोकने तथा जोड़ों की कार्यक्षमता को बनाए रखने में प्रभावशाली है।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज के समय में शायद ही कोई ऐसा वृद्ध व्यक्ति हो जो घुटनों के दर्द से पीड़ित न हो। वर्तमान चिकित्सा पद्धतियाँ केवल लक्षणों पर कार्य करती हैंजड़ पर नहीं। आयुर्वेद प्रत्येक रोग के मूल कारण को पहचानकर उसका समाधान प्रस्तुत करता है। ऑर्थोग्रिट इसी आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का संगम हैजो गठिया जैसी असाध्य मानी जाने वाली बीमारी को भी मूल रूप से समाप्त करने की क्षमता रखता है।

उन्होंने बताया कि ऑर्थोग्रिट वचामोथादारूहल्दीपिप्पलमूलअश्वगंधानिर्गुंडीपुनर्नवा आदि प्राकर्तिक जड़ी - बूटियों से निर्मित है जोकि सनातन संस्कृति में प्राचीनकाल से ही जोड़ो के दर्दसूजन आदि में लाभकारी पाएं गए है। 

पतंजलि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय ने इस अवसर पर कहा गठिया एक ऐसी पुरानी बीमारी है जो विश्वभर में करोड़ों लोगों को प्रभावित करती है। हमने इस शोध में मानव कार्टिलेज कोशिकाओं की 3D Spheroids और C. elegans पर अध्ययन किया है।

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ऑर्थोग्रिट ने मानव कार्टिलेज कोशिकाओं को सूजन के दुष्प्रभावों से बचाया, Reactive Oxygen Species (ROS) को कम कियाऔर IL-6, PEG-2 और IL-1β जैसे Inflammatory Markers के स्तर को घटायासाथ ही JAK2, COX2 , MMP1, MMP3, ADAMTS-4 के Genes Expression को भी ठीक किया।। 

C. elegans पर अध्ययन में भी ऑर्थोग्रिट ने इन जीवों के जीवनकाल में बढ़ोतरी कीइनके चलने की गतिविधियों में सुधार किया और सूजन से जुड़े Genes, PMK-1, SEK-1, CED-3 के Expression को नियंत्रित किया। 

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यह शोध स्पष्ट करता है कि ऑर्थोग्रिट न केवल गठिया के लक्षणों को कम करता हैबल्कि बीमारी की प्रगति को रोकने में भी कारगर है। 

इस Research Paper को विस्तृत रूप से पढ़ने के लिएकृपया इस लिंक पर क्लिक करें:-

https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S2950200425000242

https://doi.org/10.1016/j.phrsr.2025.101109

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 7 July 2025 at 13:20 IST