अपडेटेड 26 September 2025 at 12:14 IST
भारत में आयोजित हुआ दूसरा SCO युवा लेखक सम्मेलन, डिजिटल युग में रचनात्मक क्षेत्रों के विकास पर हुई चर्चा
नई दिल्ली में दूसरा SCO युवा लेखक सम्मेलन का आयोजन किया गया। 2025 के शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन का मुख्य विषय है- “डिजिटल युग में रचनात्मक क्षेत्रों का विकास : एससीओ के युवा लेखकों के बीच संवाद।”
- इनिशिएटिव
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शिक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सहयोग से नई दिल्ली में 25-26 सितंबर, 2025 को दूसरी एससीओ युवा लेखक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन की कार्यान्वयन संस्था के रूप में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अंतर्गत होगा। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा विदेश मंत्रालय के सहयोग से नई दिल्ली में 25-26 सितंबर, 2025 को दूसरा एससीओ युवा लेखक सम्मेलन आयोजित कर रहा है।
2025 के शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन का मुख्य विषय है- “डिजिटल युग में रचनात्मक क्षेत्रों का विकास : एससीओ के युवा लेखकों के बीच संवाद।”
यह दो दिवसीय सम्मेलन एससीओ सदस्य देशों के 40 वर्ष से कम उम्र के युवा लेखकों, शोधकर्ताओं और विद्वानों को एक साथ लाता है, जिससे साहित्य, कला और रचनात्मक उद्योगों में डिजिटल प्रौद्योगिकी की उभरती भूमिका पर बौद्धिक आदान-प्रदान, अंतर-सांस्कृतिक जुड़ाव और सहयोगी संवाद के लिए एक मंच मिलता है। 2025 में चर्चा में ज्ञान सृजन, लेखन, प्रकाशन, सिनेमा, संगीत, कला, संस्कृति, रेडियो और टेलीविजन पर डिजिटलीकरण के प्रभाव पर विचार किया गया। प्रौद्योगिकी और रचनात्मकता, बौद्धिक संपदा, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और डिजिटल विभाजन को दूर करने के बीच तालमेल पर विशेष जोर दिया गया।
उद्घाटन सत्र में कौन-कौन हुआ शामिल
उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष श्री मिलिंद सुधकर मराठे और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के निदेशक श्री युवराज मलिक ने मुख्य अतिथि, भारत सरकार के विदेश राज्य मंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह का स्वागत किया। इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों में एससीओ सचिवालय की सलाहकार मिसेज मिनारा रखानोवा, भारत के एससीओ राष्ट्रीय समन्वयक और विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री आलोक अमिताभ डिमरी और शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा निदेशक श्री वरुण भारद्वाज उपस्थित थे।
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SCO हमारी सहयोग की भावना का प्रतीक- कीर्तिवर्धन सिंह
विदेश राज्य मंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा, "एससीओ हमारी सहयोग की भावना का प्रतीक है और आज की दुनिया में यह राजनीतिक और आर्थिक दोनों तरह से महत्वपूर्ण है। इस अमृत काल में मैं देखता हूँ कि संस्कृति और डिजिटल लोकतंत्र के संगम से रचनात्मक क्षेत्र को कैसे समृद्ध किया जा सकता है। इस सम्मेलन का विषय समयोचित और महत्वपूर्ण है, और मुझे विश्वास है कि यह हमारे रचनात्मक युवाओं की भलाई और प्रगति में सीधे योगदान देगा।"
एससीओ सचिवालय की सलाहकार, मिसेज मिनारा रखानोवा ने कहा, "भारत युवा रचनात्मक प्रतिभाओं को जो मजबूत समर्थन देता है, वह उसके द्वारा आयोजित कई साहित्यिक मंचों, पुरस्कारों और सम्मानों से स्पष्ट है।" उन्होंने आगे कहा, “एससीओ सम्मेलन का उद्देश्य सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है, जिससे अधिक अनुवाद, आदान-प्रदान कार्यक्रम और युवाओं को सीमाओं के पार सहयोग करने के अवसर मिल सकें।”
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एनबीटी का उत्कृष्ट योगदान
आलोक अमिताभ डिमरी, भारत के एससीओ राष्ट्रीय समन्वयक और विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने कहा, “एससीओ से मेरा जुड़ाव मुझे गर्व की अनुभूति कराता है। मैं प्रतिभागियों से आग्रह करता हूं कि वे हमारे क्षेत्र की युवा आबादी से जुड़ें और दोस्ती के संबंध मजबूत करें। इस सम्मेलन में नोडल एजेंसी के रूप में एनबीटी के उत्कृष्ट योगदान के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूँ। एससीओ ऐसे मंच बनाता रहेगा जहां जनसांख्यिकी, प्रौद्योगिकी और रचनात्मकता एक साथ आ सकें।”
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष श्री मिलिंद सुधाकर मराठे ने कहा, “मैं एससीओ को साहित्य, संस्कृति और रचनात्मकता का पावर हाउस मानता हूँ। हमें रचनात्मकता को बढ़ाने और बेहतर करने के लिए सोच-समझकर प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए। युवा परिवर्तनकारी लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वे संतुलन बनाए रखें और सार्थक संवाद के लिए जगह बनाएं।”
प्रौद्योगिकी एकीकरण और सहयोग का एक साधन
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के निदेशक श्री युवराज मलिक ने कहा, "मुझे गर्व है कि एनबीटी, इंडिया इस साल इस महत्वपूर्ण विषय पर यह प्रतिष्ठित सम्मेलन आयोजित कर रहा है। जैसे-जैसे कंटेंट निर्माण तेजी से विकसित हो रहा है, यह मंच भविष्य की नीति बनाने में मदद कर सकता है। मेरे लिए, प्रौद्योगिकी एकीकरण और सहयोग का एक साधन है, लेकिन रचनात्मकता मुख्य रहनी चाहिए। भविष्य उन लोगों का होगा जो इसे सोच सकते हैं और डिजाइन कर सकते हैं।"
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के मुख्य संपादक और संयुक्त निदेशक श्री कुमार विक्रम ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आयोजित एससीओ युवा लेखक सम्मेलन, 2025 शंघाई सहयोग संगठन सदस्य देशों के युवा बुद्धिजीवियों के बीच संवाद के लिए एक रचनात्मक मंच के रूप में उभरा, जिससे यह बेहतर समझ बनी कि डिजिटल स्पेस रचनात्मक अर्थव्यवस्थाओं को कैसे बदल रहा है, साथ ही मानव कल्पना और सांस्कृतिक परंपराओं की जीवंतता को बनाए रख रहा है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 26 September 2025 at 12:14 IST