अपडेटेड 4 November 2025 at 20:49 IST

थायरॉयड के लिए पतंजलि योग अभ्यास – हार्मोनल संतुलन की प्राकृतिक चिकित्सा

Patanjali Yoga Exercises for Thyroid: पतंजलि योग थायरॉयड के लिए एक संपूर्ण उपचार पद्धति है जो शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती है, मेटाबॉलिज्म को सुधारती है और मानसिक शांति प्रदान करती है। नियमित अभ्यास और सही जीवनशैली अपनाने से व्यक्ति को भीतर से स्वास्थ्य, ऊर्जा और संतुलन प्राप्त होता है।

Follow : Google News Icon  
Exercises for Thyroid
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: पतंजलि
ai-icon

Show Quick Read

dropdown-arrow
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed

Patanjali Yoga Exercises for Thyroid: थायरॉयड ग्रंथि भले ही छोटी हो, लेकिन इसका काम शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा और मूड को नियंत्रित करना है। आजकल तनाव, गलत खान-पान और निष्क्रिय जीवनशैली के कारण थायरॉयड विकार (हाइपोथायरॉयडिज्म और हाइपरथायरॉयडिज्म) आम हो गए हैं। पतंजलि योग की पद्धति इस समस्या के समाधान में प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी तरीका प्रदान करती है।

थायरॉयड असंतुलन को समझना

योगिक विज्ञान के अनुसार, थायरॉयड से जुड़ी समस्या शरीर के विशुद्धि चक्र (गले का ऊर्जा केंद्र) के असंतुलन से जुड़ी होती है। जब यह चक्र अवरुद्ध हो जाता है, तो हार्मोनल असंतुलन, थकान और चिंता जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। योग के माध्यम से इस ऊर्जा प्रवाह को संतुलित किया जा सकता है जिससे थायरॉयड ग्रंथि का कार्य सुधरता है।

पतंजलि द्वारा सुझाए गए योगासन

  • थायरॉयड को संतुलित करने के लिए निम्नलिखित योगासन अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं –
  • सर्वांगासन (Shoulder Stand): गले में रक्त प्रवाह बढ़ाकर थायरॉयड को सक्रिय करता है।
  • हलासन (Plough Pose): मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और गर्दन की जकड़न को दूर करता है।
  • मत्स्यासन (Fish Pose): गले की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और हार्मोनल संतुलन में मदद करता है।
  • भुजंगासन (Cobra Pose): थायरॉयड ग्रंथि को ऊर्जावान बनाता है।
  • सेतु बंधासन (Bridge Pose): हार्मोनल क्रियाओं को संतुलित करता है।

प्राणायाम जैसे उज्जायी, अनुलोम-विलोम और भ्रामरी अत्यंत उपयोगी हैं, क्योंकि ये सीधे गले के क्षेत्र को उत्तेजित करते हैं और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं।

आहार और जीवनशैली

पतंजलि की अनुशंसा है कि थायरॉयड रोगी आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सिवार, दही, दूध और सेंधा नमक का सेवन करें। जंक फूड, कैफीन और अत्यधिक नमक से परहेज करें। साथ ही पतंजलि की थायरोग्रिट टैबलेट या कंचनार गुग्गुल (डॉक्टर की सलाह से) भी सहायक हो सकती है।

Advertisement

तनाव मुक्ति और ध्यान

तनाव थायरॉयड को और असंतुलित करता है। योग निद्रा और ध्यान मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन लाते हैं, जिससे हार्मोनल गतिविधियां प्राकृतिक रूप से सुधरती हैं।

पतंजलि योग थायरॉयड के लिए एक संपूर्ण उपचार पद्धति है जो शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती है, मेटाबॉलिज्म को सुधारती है और मानसिक शांति प्रदान करती है। नियमित अभ्यास और सही जीवनशैली अपनाने से व्यक्ति को भीतर से स्वास्थ्य, ऊर्जा और संतुलन प्राप्त होता है।

Advertisement

Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 4 November 2025 at 20:49 IST