अपडेटेड 14 July 2025 at 17:36 IST

पतंजलि ने खेती में इस्तेमाल होने वाले स्लज के सुरक्षात्मक और विषाक्तता स्तर की जांच की

पर्यावरणसंरक्षण और स्थायी खेतीको बढ़ावा देने के उद्देश्यसे, पतंजलि ने हाल हीमें कृषि में इस्तेमालहो रहे स्लज वेस्टकी व्यापक जांच की हैताकि इसकी सुरक्षा औरविषाक्तता का स्तर पतालगाया जा सके।

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Patanjali | Image: Patanjali

पर्यावरणसंरक्षण और स्थायी खेतीको बढ़ावा देने के उद्देश्यसे, पतंजलि ने हाल हीमें कृषि में इस्तेमालहो रहे स्लज वेस्टकी व्यापक जांच की हैताकि इसकी सुरक्षा औरविषाक्तता का स्तर पतालगाया जा सके। जैसे-जैसे कचरा प्रबंधनऔर जल स्रोतों कीप्रदूषण समस्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे ऐसी पहलेंआवश्यक हो जाती हैंजो पर्यावरण के साथ-साथकिसानों की भी मददकरें। स्लज, जो अक्सर व wastewater treatment plants सेनिकलने वाले वेस्ट काएक हिस्सा होता है, कोलेकर लंबे समय सेसंदेह रहा है किइसमें हानिकारक रासायनिक पदार्थ या भारी धातुएंहो सकती हैं। लेकिनपतंजलि का यह कदमइस बात का परीक्षणकरने का है किक्या उचित उपचार केबाद यह स्लज सुरक्षितहै और किसानों केलाभ के लिए इस्तेमालकिया जा सकता है।

पतनजलिकी इस जांच प्रक्रियामें स्लज के नमूनेलेकर उन्हें विभिन्न उपचार विधियों से पास कियागया है ताकि इसमेंमौजूद हानिकारक पदार्थों जैसे भारी धातुएं, रोगाणु और रासायनिक प्रदूषकका स्तर पता चलसके। इन परीक्षणों कामुख्य उद्देश्य यह है किइन विषाक्त पदार्थों का स्तर मानकसीमा के भीतर हैया नहीं। यदि यह स्तरसुरक्षित पाया जाता है, तो इस स्लज काउपयोग उर्वरक या मिट्टी सुधारकके रूप में कियाजा सकता है, जिससेरासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कमहो सके और प्राकृतिकखेती को प्रोत्साहन मिलसके।

प्रारंभिकपरीक्षण परिणाम उत्साहजनक हैं। पता चलाहै कि उचित उपचारके बाद स्लज काविषाक्तता स्तर काफी हदतक कम हो जाताहै, और यह कृषिके लिए सुरक्षित होसकता है। यह भीध्यान में आया हैकि सही तरीके सेउपचार करने से हीइस स्लज का सुरक्षितउपयोग संभव है। पतंजलिइस बात पर जोरदेता है कि किसानोंऔर उपभोक्ताओं की सुरक्षा सर्वोपरिहै, इसलिए कठोर परीक्षण जरूरीहै ताकि केवल विषाक्ततासे मुक्त, सुरक्षित स्लज ही खेतीमें इस्तेमाल किया जाए।

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यह पहल कृषि औरकचरा प्रबंधन दोनों क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलावला सकती है। यदिइसtreated स्लज को कृषिमें अपनाया जाता है, तोयह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, पर्यावरण प्रदूषण को रोकने औरजैविक खेती को प्रोत्साहितकरने में मदद करसकता है। पतंजलि कायह कदम इस बातका प्रमाण है कि विज्ञानऔर तकनीक का सही उपयोगकरके हम पर्यावरण संरक्षणऔर सतत विकास दोनोंको प्राप्त कर सकते हैं।जैसे-जैसे परीक्षण जारीरहेगा और इसकी पुष्टिहोगी, यह नई विधिपूरे विश्व में कचरा प्रबंधनऔर कृषि के क्षेत्रमें एक नई दिशादिखा सकती है, जोपर्यावरण के प्रति जिम्मेदारीऔर सततता का प्रतीक है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 14 July 2025 at 17:36 IST