अपडेटेड 12 December 2025 at 16:55 IST

भारत के जैविक किसानों को बाजार से जोड़ने की पतंजलि की पहल: टिकाऊ खेती की ओर एक बड़ा कदम

Patanjali, India's organic farmers: भारत में जैविक किसान बहुत बड़ी संख्या में हैं लेकिन बाजार बिखरा हुआ है, संगठित नहीं है, बिचौलियों द्वारा संचालित है, किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलता और प्रमाणन और गुणवत्ता मानकों पर कम जानकारी होती है। इसका नुकसान किसान और उपभोक्ता दोनों को होता है।

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Patanjali
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: Patanjali

Patanjali, India's organic farmers: भारत आज कृषि परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है। जैसे-जैसे उपभोक्ताओं की रसायन–रहित, पोषक और सुरक्षित भोजन की मांग बढ़ रही है, लाखों किसान जैविक खेती की ओर बढ़ना चाहते हैं। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती है— किसानों को एक स्थिर और विश्वसनीय जैविक बाजार तक पहुंच दिलाना। इसी अंतर को भरने के लिए पतंजलि ने एक दूरदर्शी कदम उठाया है, जो जैविक किसानों को सीधे जैविक मार्केट से जोड़ने का काम कर रहा है।

किसान और बाजार के बीच पुल बनाने की आवश्यकता क्यों?

भारत में जैविक किसान बहुत बड़ी संख्या में हैं, लेकिन बाजार—
•    बिखरा हुआ है
•    संगठित नहीं है
•    बिचौलियों द्वारा संचालित है
•    किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलता
•    प्रमाणन और गुणवत्ता मानकों पर कम जानकारी होती है

इसका नुकसान किसान और उपभोक्ता दोनों को होता है। पतंजलि ने महसूस किया कि सिर्फ प्रशिक्षण पर्याप्त नहीं; किसानों को गारंटी वाले मार्केट सपोर्ट चाहिए।

फार्म से मार्केट तक एक मजबूत वैल्यू-चेन

पतंजलि का मॉडल किसानों के लिए न सिर्फ लाभकारी है, बल्कि लंबे समय के लिए स्थिरता भी सुनिश्चित करता है।

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मुख्य स्तंभ—
1. जैविक किसानों की पहचान और प्रशिक्षण
पतंजलि की टीमें गांव–गांव जाकर प्रशिक्षण देती हैं:
•    जैविक खाद तैयार करना
•    प्राकृतिक कीट प्रबंधन
•    बीज संरक्षण
•    स्थायी खेती तकनीक
•    खेतों की रिकॉर्ड–कीपिंग

2. किसानों को प्रमाणन में सहायता (PGS और NPOP)
पतंजलि प्रमाणन की पूरी प्रक्रिया आसान बनाता है—
•    दस्तावेजीकरण
•    निरीक्षण
•    किसान समूह गठन
•    अनुपालन रिपोर्ट
इससे किसानों का भरोसा बढ़ता है और बाज़ार में विश्वसनीयता भी।

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3. सीधी खरीद और उचित मूल्य
पतंजलि एक पारदर्शी प्रणाली चलता है जिसमें—
•    पूर्व-निर्धारित मूल्य
•    बिचौलियों की अनुपस्थिति
•    समय पर भुगतान
•    गुणवत्ता का निष्पक्ष मूल्यांकन
किसानों को स्थिर आय मिलती है।

4. किसानों को रिटेल सप्लाई चेन से जोड़ना
जैविक उत्पाद पहुंचते हैं:
•    पतंजलि मेगा स्टोर
•    आधुनिक रिटेल
•    आयुर्वेदिक निर्माण इकाइयों
•    चयनित निर्यात बाज़ारों तक
इससे किसानों को लगातार मांग मिलती है।

5. किसानों और खाद्य प्रणाली पर प्रभाव
इस पहल से—
•    किसानों की आय बढ़ी
•    जैविक खेती का दायरा विस्तृत हुआ
•    मिट्टी की सेहत सुधरी
•    प्राकृतिक बीजों का संरक्षण बढ़ा
•    उपभोक्ताओं तक शुद्ध खाद्य पहुंचा

भविष्य की दिशा

पतंजलि का लक्ष्य है—
 

  • हर जैविक किसान को हर जैविक परिवार से जोड़ना।
  • एक पारदर्शी, सुरक्षित और विश्वास–आधारित प्रणाली के माध्यम से।
  • यह पहल सिर्फ किसानों को सशक्त नहीं कर रही, बल्कि भारत की जैविक भोजन संस्कृति को भी मजबूत बना रही है—एक स्वस्थ और हरित भविष्य की ओर।

Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 12 December 2025 at 16:55 IST