अपडेटेड 30 November 2025 at 17:35 IST
पतंजलि के आंवला बीज अनुसंधान ने बदली आयुर्वेदिक विज्ञान की तस्वीर - नवाचार, राष्ट्रीय गर्व और वैश्विक पहचान
पतंजलि योगपीठ द्वारा किया गया आंवला बीज अनुसंधान आयुर्वेदिक विज्ञान के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ है। इस अनुसंधान ने न केवल भारत के पारंपरिक ज्ञान को एक नई वैज्ञानिक दिशा दी है, बल्कि इसे राष्ट्रीय गर्व का विषय भी बना दिया है।
- इनिशिएटिव
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भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली — आयुर्वेद — सदियों से स्वास्थ्य, संतुलन और प्राकृतिक उपचार का आधार रही है। लेकिन आधुनिक समय में इसके वैज्ञानिक प्रमाण एवं अनुसंधान की मांग बढ़ी है। ऐसे समय में पतंजलि रिसर्च संस्थान ने आंवला (Indian Gooseberry) के बीज पर किए गए वैज्ञानिक शोध से न केवल आयुर्वेद को एक आधुनिक वैज्ञानिक स्वरूप दिया, बल्कि भारत को वैश्विक औषधि अनुसंधान में अग्रणी स्थान भी दिलवाया।
हम सभी जानते हैं कि आंवला को आयुर्वेद में रसायन कहा जाता है — यानी ऐसा पदार्थ जो उम्र, ताकत और प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाने वाला हो। वर्षों से आंवला फल को उपयोगी माना जाता था, पर बीज को बेकार समझकर फेंक दिया जाता था। पतंजलि ने इस धारणा को चुनौती दी और वैज्ञानिक परीक्षणों में पाया कि आंवला के बीज में मौजूद औषधीय घटक, फल से भी अधिक शक्तिशाली होते हैं।
आंवला बीज में पाए जाने वाले प्रमुख पोषक व औषधीय तत्व
ओमेगा-3 फैटी एसिड - हृदय स्वास्थ्य, मस्तिष्क सुदृढ़ीकरण
फ्लेवोनॉयड्स - एंटी-एजिंग, त्वचा एवं सूजन नियंत्रण
क्वेरसेटिन - कैंसररोधी एवं इम्यूनिटी बूस्टर
गैलिक एसिड- तनाव कम करने एवं एंटीऑक्सीडेंट
फेनोलिक कंपाउंड्स - मधुमेह एवं हार्मोन संतुलन में सहायक
पतंजलि का शोध और अंतरराष्ट्रीय मान्यता
आंवला बीज आधारित औषधियों पर पतंजलि द्वारा किए गए सफल परीक्षणों को कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों — जैसे AYUSH मंत्रालय, CSIR, WHO Herbal Research Council और International Ayurveda Congress (IAC) — द्वारा मान्यता मिली। पतंजलि की रिसर्च रिपोर्ट्स अब कई मेडिकल और आयुर्वेदिक जर्नल्स में प्रकाशित हो रही हैं।
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किसान लाभ और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन
पहले आंवला बीज को कचरे की तरह फेंक दिया जाता था। लेकिन पतंजलि ने किसानों से बीज खरीदना शुरू किया, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय मिलने लगी। वर्तमान में, 70,000 से अधिक किसान आंवला बीज संग्रह और औषधीय खेती से जुड़े हैं, जिससे उनकी वार्षिक आय में 25–30% तक वृद्धि हुई।
बीज पर आधारित विकसित औषधियां
- Cardio Wellness Capsules
- Stress Relief Herbal Tablets
- Skin Regeneration Serum
- Diabetic Management Supplement
- Memory Booster Capsules
ये उत्पाद अब न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका, जर्मनी, रूस, नेपाल, UAE और मलेशिया में भी निर्यात हो रहे हैं।
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पुरस्कार और उपलब्धियां:
- National Herbal Innovation Award - (Ministry of AYUSH)
- Best Ayurvedic Research Recognition - (CSIR)
- Global Ayurveda Excellence Medal - (IAC, Netherlands)
भारत की वैश्विक पहचान
इस शोध के माध्यम से भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया—
"आयुर्वेद केवल परंपरा नहीं, बल्कि विज्ञान है।"
पतंजलि ने यह सिद्ध किया कि अगर परंपरा वैज्ञानिक शोध के साथ मिले, तो भारत वैश्विक चिकित्सा जगत में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 30 November 2025 at 17:35 IST