अपडेटेड 18 July 2025 at 12:36 IST
पतंजलि जैविक सिद्धि- जैविक परिवर्तन के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के मार्गदर्शन में पतंजलि आयुर्वेद द्वारा शुरू की गई यह पहल पारंपरिक जैविक ज्ञान और आधुनिक कृषि तकनीकों के बीच की खाई को पाटने का प्रयास है।
- इनिशिएटिव
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पतंजलि जैविक सिद्धि केवल एक पहल नहीं है, यह भारत में टिकाऊ और रसायन-मुक्त कृषि की दिशा में एक राष्ट्रीय आंदोलन है जो खेती के भविष्य को पूरी तरह से बदलने का वादा करता है।
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के मार्गदर्शन में पतंजलि आयुर्वेद द्वारा शुरू की गई यह पहल पारंपरिक जैविक ज्ञान और आधुनिक कृषि तकनीकों के बीच की खाई को पाटने का प्रयास है। जैसे-जैसे भारत और दुनिया में रसायनमुक्त और कीटनाशक रहित खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ रही है, जैविक सिद्धि किसानों को प्राकृतिक कृषि तकनीकों से जोड़ने पर केंद्रित है, जो मृदा स्वास्थ्य, फसल पोषण और दीर्घकालिक स्थिरता को प्राथमिकता देती हैं।
इस कार्यक्रम के तहत किसानों को बायो-फर्टिलाइजर, कम्पोस्टिंग, प्राकृतिक कीटनाशकों, अंतरवर्ती फसलें, जल संरक्षण और देसी पद्धतियों की विस्तृत ट्रेनिंग दी जाती है। पतंजलि जैविक सिद्धि से जुड़े किसान न केवल जैविक प्रमाणन प्राप्त करते हैं बल्कि उन्हें पतंजलि की आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का अवसर भी मिलता है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होती है और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होता है।
इस पहल के तहत उगाए गए जैविक अनाज, दालें, मसाले, सब्जियां और औषधीय पौधे पतंजलि के खाद्य, स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक उत्पादों में उपयोग किए जाते हैं, जिससे ब्रांड की शुद्धता और गुणवत्ता की प्रतिबद्धता बरकरार रहती है। यह पहल केवल जैविक उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मृदा की सेहत को पुनः स्थापित करने, जैव विविधता को बढ़ावा देने, किसानों की रसायनों पर निर्भरता को कम करने और उपभोक्ताओं में जागरूकता फैलाने के लिए संपूर्ण प्रयास है। उत्पादन की पूर्ण पारदर्शिता इसे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के लिए अधिक विश्वसनीय बनाती है।
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यह कार्यक्रम भारत सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लक्ष्यों के अनुरूप भी है। जैविक सिद्धि किसानों के लिए आजीविका का साधन है और उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य की गारंटी। एफपीओ, प्रशिक्षण शिविर और जैविक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से पतंजलि ग्रामीण भारत में एक जिम्मेदार कृषि समुदाय तैयार कर रहा है। जैविक सिद्धि वास्तव में भारत की सांस्कृतिक और कृषि विरासत की पुनर्स्थापना का एक प्रयास है, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर और उपभोक्ताओं को स्वच्छ भोजन देकर देश को एक नई दिशा प्रदान कर रहा है। आने वाले वर्षों में यह कार्यक्रम और अधिक राज्यों और किसानों तक पहुंचेगा और भारत में जैविक खेती को एक नई ऊंचाई देगा।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 18 July 2025 at 12:35 IST