अपडेटेड 11 October 2025 at 14:48 IST

हर घर दीवाली: पार्थ गौतम फाउंडेशन बरेली में फैलाता है रोशनी और उम्मीद

पार्थ गौतम और उनका फाउंडेशन अपनी नवीनतम पहल हर घर दीवाली के जरिए न सिर्फ त्योहार की रौनक ला रहे हैं, बल्कि लोगों के जीवन में गरिमा और उम्मीद का दीप भी जला रहे हैं।

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 initiative parth gautam foundation
initiative parth gautam foundation | Image: Republic

भारत में त्योहार केवल रोशनी, मिठाइयों और रिवाज़ों तक सीमित नहीं हैं। ये एकजुटता की मिसाल होते हैं, उम्मीदों का संचार करते हैं, और जीवन में नई ऊर्जा भरते हैं। लेकिन बरेली जैसे शहर के कई परिवार आज भी इस रौशनी से दूर हैं। उनके लिए दीवाली केवल एक तारीख बनकर रह जाती है। जहां न तो बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, न ही स्वच्छ पानी और न ही भविष्य को लेकर कोई आशा।

जब फरिश्ते इंसानी शक्ल में आते हैं

ऐसे में एक नाम उभरकर सामने आता है। पार्थ गौतम और उनका फाउंडेशन। इनकी पहल “हर घर दीवाली” न केवल त्योहार की रौनक उन परिवारों तक पहुंचा रही है, जो इससे वंचित थे, बल्कि उन्हें जीवन की गरिमा और उम्मीद का तोहफा भी दे रही है।

इस अभियान की सोच सरल है- कोई भी परिवार त्योहार की चमक से वंचित न रहे।

जमीनी स्तर पर बदलाव की शुरुआत

हाल के हफ्तों में पार्थ गौतम और उनकी टीम ने बरेली के वंचित समुदायों तक पहुंच बनाई। समस्याएं केवल सुनी नहीं गईं, बल्कि उन्हें दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए गए। यह पहल सिर्फ त्योहार तक सीमित नहीं है—यह सालभर की देखभाल, सहयोग और सेवा का प्रतीक है।

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सिर्फ सांस्कृतिक नहीं, असल बदलाव की पहल

हर घर दीवाली केवल प्रतीकात्मक अभियान नहीं है। यह चिकित्सा सहायता, शिक्षा में सहयोग, और घरेलू ज़रूरतों की पूर्ति जैसे छोटे-छोटे कार्यों के माध्यम से परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का प्रयास है।

पार्थ गौतम कहते हैं - यह दान नहीं, बल्कि बदलाव की नींव रखने का प्रयास है। एक ऐसा बदलाव जो स्थायी हो और सम्मानजनक हो।

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पिछले प्रयास जो मिसाल बन गए

यह पहल फाउंडेशन के पहले सामाजिक कार्यों की एक कड़ी है। इस वर्ष की शुरुआत में:

  • 2,000+ हेलमेट्स बांटे गए ताकि सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिले।
  • गर्मी के मौसम में 7,000+ लोगों के लिए पीने के पानी की सुविधा शुरू की गई।
  • स्वास्थ्य सेवाएं जैसे मुफ्त परामर्श, प्रसव, सर्जरी और अस्पताल की सुविधाएं, युवा सेवक संघ के माध्यम से मुहैया कराई गईं।

हर घर दीवाली की सबसे बड़ी ताकत जुड़ाव

इस अभियान को खास बनाता है पार्थ गौतम का व्यक्तिगत योगदान। वे हर दिन खुद 20 घरों में पहुंचते हैं, परिवारों की मुश्किलें सुनते हैं, और उन्हें स्थायी समाधान देने की कोशिश करते हैं।

एक हफ्ते में ही 150+ घरों तक मदद पहुँच चुकी है। कभी टूटा घर बनवाने में मदद, तो कभी विधवा पेंशन दिलवाने की ज़िम्मेदारी। ये पहलें सिर्फ राहत नहीं, बल्कि जीवन की गरिमा लौटाने का कार्य हैं।

हर पहल के पीछे एक इंसानी कहानी

  • एक पिता जो अब अपने बेटे को हेलमेट के साथ स्कूटर देने में सहज हैं।
  • एक माँ जिसने बिना आर्थिक चिंता के सुरक्षित प्रसव कराया।
  • एक मजदूर जो अब साफ़ पानी पीकर काम पर निकलता है।

दीवाली की असली रौशनी

जैसे-जैसे दीवाली करीब आ रही है, “हर घर दीवाली” का संदेश और भी अधिक उत्साहजनक हो गया है। यह त्योहार केवल घरों को नहीं, जिंदगियों को रोशन करने का अवसर बन गया है। पार्थ गौतम और उनके फाउंडेशन की यह पहल एक प्रेरणा है कि जब मंशा नेक हो, तो अंधेरे को रोशनी में बदलना संभव है।

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 9 October 2025 at 19:13 IST