अपडेटेड 12 December 2025 at 16:09 IST
दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट: पतंजलि के PGS रीजनल काउंसिल के रूप में ग्रामीण परिवर्तन का मजबूत स्तंभ
योगगुरु स्वामी रामदेव ने बताया कि पतंजलि का दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट आदिवासियों का पलायन रोकने के लिए 64 गावों के 17 हजार परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ेगा।
- इनिशिएटिव
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दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट, जो पतंजलि योगपीठ की आध्यात्मिक एवं प्रशासनिक धुरी है, आज भारत के उन संस्थानों में शामिल है जो जनस्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और टिकाऊ कृषि को नई दिशा दे रहे हैं। अब अपनी नई भूमिका PGS (Participatory Guarantee System) रीजनल काउंसिल — के साथ, ट्रस्ट ने योग, आयुर्वेद और शिक्षा से आगे बढ़कर जैविक खेती और किसान सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह न सिर्फ पतंजलि की “शुद्धता और टिकाऊ विकास” की नीति को मजबूत करता है बल्कि देश की जैविक कृषि क्रांति को गति भी देता है।
PGS: किसानों के लिए भरोसे और सहभागिता पर आधारित प्रमाणन प्रणाली
PGS-India कृषि मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त एक जन–केंद्रित, किफायती और पारदर्शी जैविक प्रमाणन प्रणाली है। महंगे थर्ड-पार्टी सर्टिफिकेशन के विपरीत, PGS में किसान समूह आपसी सहभागिता, पारदर्शिता और समुदाय आधारित मूल्यांकन के माध्यम से प्रमाणन प्राप्त करते हैं।
PGS रीजनल काउंसिल के रूप में, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट अब देशभर के हजारों छोटे किसानों को प्रशिक्षित, मार्गदर्शन और प्रमाणित करने की ज़िम्मेदारी निभाता है। यह किसानों, राष्ट्रीय प्रमाणन प्रणालियों और जैविक बाज़ार के बीच एक मजबूत सेतु का काम करता है।
भारत की जैविक कृषि प्रणाली को सशक्त बनाना
पंतजलि योगपीठ के मार्गदर्शन में, ट्रस्ट किसानों को खेत से बाज़ार तक हर स्तर पर सहयोग प्रदान करता है। PGS रीजनल काउंसिल के रूप में, इसकी मुख्य जिम्मेदारिया हैं।
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- किसान समूहों का पंजीकरण और प्रशिक्षण
- खेतों का सत्यापन और निरीक्षण
- PGS-India Green और PGS-India Organic प्रमाणन
- गुणवत्ता और अनुपालन की सतत निगरानी
- जैविक बाजार से सीधा जुड़ाव और मूल्य वृद्धि
इससे किसान एक सरल, भरोसेमंद और सुरक्षित प्रणाली से जुड़कर लाभान्वित होते हैं।
ग्रामीण क्षमता निर्माण की दिशा में पहल
ट्रस्ट ने विभिन्न गांवों में कई प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें शामिल है:
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- जैविक खाद और प्राकृतिक कम्पोस्टिंग
- बिना रसायन के कीट प्रबंधन
- पारंपरिक बीज संरक्षण
- जल-संरक्षण आधारित खेती
- जलवायु-सहिष्णु कृषि पद्धतियाँ
यह प्रशिक्षण किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर स्थायी कृषि की दिशा में प्रेरित करते हैं।
पतंजलि की “शुद्ध भोजन–शुद्ध पर्यावरण” दृष्टि का विस्तार
पतंजलि सदैव शुद्धता और स्वास्थ्य को सबसे बड़ा मूल्य मानता है। चाहे वह योग हो, आयुर्वेद हो या भोजन। दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की PGS भूमिका इस दृष्टि को और मजबूत बनाती है, क्योंकि अब उपभोक्ताओं को प्रमाणिक जैविक उत्पाद मिलते हैं और किसानों को स्थिर बाज़ार।
इससे न केवल मिट्टी की सेहत सुधरती है, बल्कि जैव विविधता सुरक्षित रहती है और पर्यावरणीय संतुलन भी मजबूत होता है।
जैविक ईमानदारी और किसान समृद्धि की नई दिशा
PGS रीजनल काउंसिल के रूप में, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट केवल प्रमाणन ही नहीं कर रहा, बल्कि एक ऐसा जैविक आंदोलन खड़ा कर रहा है जो किसानों, उपभोक्ताओं और प्रकृति—तीनों के लिए समान रूप से लाभकारी है।
पतंजलि के प्रभाव और ट्रस्ट की ग्रासरूट प्रतिबद्धता के साथ, भारत के जैविक कृषि क्षेत्र को एक नई, सुरक्षित और समृद्ध दिशा मिल रही है।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 12 December 2025 at 16:09 IST