अपडेटेड 22 November 2025 at 20:50 IST

भारतीय शिक्षा बोर्ड का कदम: वेद-गीता और कंप्यूटर साइंस का एकीकृत शिक्षण मॉडल

Indian Education Board: कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वक्ता डॉ. एन. पी. सिंह, पूर्व आईएएस और भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन पर भी रहा। उन्होंने अपने भाषण में वर्तमान शिक्षा प्रणाली में पश्चिमी प्रभाव के कारण भारतीय संस्कृति का अभाव होने की चिंता व्यक्त की।

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अलीगढ़ में भारतीय शिक्षा बोर्ड की मंडलीय संगोष्ठी का आयोजन | Image: Indian Education Board

Indian Education Board: 20 नवंबर 2025 को अलीगढ़ के कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर में भारतीय शिक्षा बोर्ड की मंडलीय संगोष्ठी का आयोजन अत्यंत ही सफलतापूर्वक हुआ। यह कार्यक्रम अपराह्न 2:00 बजे से शुरू हुआ, जिसमें शिक्षा क्षेत्र के कई पदाधिकारी, शिक्षक और प्रतिनिधि शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों ने वेद मंत्रों का उच्चारण कर दीप प्रज्ज्वलन के साथ की, जिससे वातावरण पावन और शुभ हो गया।

बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा देना माता-पिता और शिक्षकों का दायित्व

मुख्य अतिथि मंडलायुक्त संगीता सिंह ने अपने समापन भाषण में भारतीय शिक्षा व्यवस्था के पुनरुद्धार और संस्कारों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बच्चों को नैतिक और संस्कारयुक्त शिक्षा देना माता-पिता और शिक्षकों का दायित्व है। साथ ही, उन्होंने विद्यालयों से भारतीय संस्कृति से जुड़े शिक्षण संदर्भों को प्राथमिकता देने का आह्वान भी किया। 
विशिष्ट अतिथि मनोज गिरि, संयुक्त निदेशक एवं राकेश कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

विश्व गुरु बनाने के लिए परंपराओं को पुनः स्थापित करना चाहिए - डॉ. एन. पी. सिंह

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वक्ता डॉ. एन. पी. सिंह, पूर्व आईएएस और भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन पर भी रहा। उन्होंने अपने भाषण में वर्तमान शिक्षा प्रणाली में पश्चिमी प्रभाव के कारण भारतीय संस्कृति का अभाव होने की चिंता व्यक्त की।

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डॉ. एन. पी. सिंह ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य बच्चों को वेद, उपनिषद, गीता जैसे ग्रंथों के साथ-साथ आधुनिक विज्ञान, कंप्यूटर साइंस और प्रकृति से जोड़ते हुए संस्कारपूर्ण और चरित्रवान बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हमें अपनी परंपराओं और संस्कारों को पुनः स्थापित करना चाहिए।

300 से अधिक विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग 

कार्यक्रम का संचालन सुनील शास्त्री ने किया, जिन्होंने संगोष्ठी को सुचारु रूप से आगे बढ़ाया। इस आयोजन में लगभग 300 से अधिक विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह आयोजन भारतीय शिक्षा और संस्कारों के पुनरुद्धार के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम था।

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भारतीय संस्कृति और शिक्षा में नई ऊर्जा का संचार करना

इस संगोष्ठी का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और शिक्षा में नई ऊर्जा का संचार करना था। अतिथियों ने भारतीय शिक्षा बोर्ड से जुड़ने और भारतीय परंपराओं को शिक्षा का आधार बनाने पर बल दिया। इससे बच्चों का नैतिक और सांस्कृतिक विकास सुनिश्चित किया जा सके, यह इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रहा।

इनलोगों की रही गरिमामयी उपस्थिति  

इस मौके पर पतंजलि परिवार से दया शंकर आर्य राज्य प्रभारी पतंजलि किसान सेवा समिति; राज्य कार्यकारिणी सदस्य रविकर; राज्य संवाद प्रभारी जेसी चतुर्वेदी, यशोधन, शिवनंदन राज्य कॉर्डिनेटर एवं जिले के पदाधिकारी/कार्यकर्ता प्रमुखता राकेश कुमार शर्मा, हरिओम, नरेन्द्र सिकरवार, विजेन्द्र वालियान, संजीव राज्य कार्यालय प्रभारी भी शामिल थे।

Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 22 November 2025 at 20:50 IST