अपडेटेड 8 December 2025 at 12:32 IST
मॉस्को सरकार और पतंजलि समूह के बीच ऐतिहासिक करार: भारत-रूस स्वास्थ्य एवं वेलनेस सहयोग में नया अध्याय
मॉस्को, रूस की सरकार और पतंजलि समूह ने एक अहम समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस MoU ने न केवल दोनों देशों के बीच सहयोग को नई मजबूती दी, बल्कि भारत को वैश्विक योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञानों के केंद्र के रूप में और अधिक प्रतिष्ठित किया।
- इनिशिएटिव
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भारत-रूस संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर जोड़ते हुए मॉस्को, रूस की सरकार और पतंजलि समूह ने 6 दिसंबर को दोपहर 2:30 बजे नई दिल्ली में एक अहम समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह अवसर दोनों देशों के बीच वेलनेस, स्वास्थ्य पर्यटन, कौशल आदान-प्रदान, और संयुक्त शोध सहयोग जैसे क्षेत्रों में नई दिशा स्थापित करता है।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में श्री सर्जी चेरेमिन, चेयरमैन-बिजनेस काउंसिल ऑफ इंडिया एंड रूस एवं मंत्री, वाणिज्य विभाग, मॉस्को सरकार, और योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज की प्रतिष्ठित उपस्थिति रही। श्री चेरेमिन हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के उच्चस्तरीय शिष्टमंडल का भी हिस्सा रहे थे।
इस MoU ने न केवल दोनों देशों के बीच सहयोग को नई मजबूती दी, बल्कि भारत को वैश्विक योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञानों के केंद्र के रूप में और अधिक प्रतिष्ठित किया।
वेलनेस और वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व की दिशा में मजबूत कदम
करार के अंतर्गत भारत और रूस के बीच निम्न क्षेत्रों में व्यापक सहयोग स्थापित हुआ:
• स्वास्थ्य और वेलनेस पर्यटन का प्रोत्साहन
• कौशल विकास एवं विशेषज्ञों का आदान–प्रदान, विशेषकर योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र में
• संयुक्त अनुसंधान-आयुर्वेद, हर्बल मेडिसिन और निवारक स्वास्थ्य प्रणाली पर
• सांस्कृतिक सहयोग, जिसमें योग प्रशिक्षण और स्वास्थ्य विज्ञान शिक्षा शामिल
• प्राकृतिक जीवनशैली और पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को आधुनिक विज्ञान से जोड़ने के संयुक्त प्रयास
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स्वामी रामदेव की वैश्विक पहचान और उनके नेतृत्व में पतंजलि की उपलब्धियों ने रूस के लिए यह साझेदारी विशेष रूप से महत्वूपर्ण बना दी।
यह MoU क्यों है महत्वपूर्ण?
भारत और रूस के ऐतिहासिक संबंध इस करार से नई दिशा में आगे बढ़े। यह केवल व्यापारिक साझेदारी नहीं थी-यह मानव स्वास्थ्य, ज्ञान और सांस्कृतिक सहयोग का पुल बन गया।
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भारत के लिए लाभ:
• आयुर्वेद और योग को वैश्विक स्तर पर नई पहचान
• अंतरराष्ट्रीय शोध सहयोग के नए अवसर
• पतंजलि के वेलनेस मॉडल का वैश्विक विस्तार
• भारतीय योग और आयुर्वेद विशेषज्ञों के लिए कार्य के अवसर
• स्वास्थ्य पर्यटन में वृद्धि
रूस के लिए लाभ:
• प्रमाणिक आयुर्वेदिक उपचार तक पहुंच
• योग और प्राकृतिक स्वास्थ्य प्रणालियों का सार्वजनिक वेलनेस में उपयोग
• भारतीय संस्थानों में प्रशिक्षण और कौशल विकास
• पुरानी और जीवनशैली संबंधी बीमारियों पर संयुक्त शोध
दुनिया में जहां प्राकृतिक, सुरक्षित और निवारक स्वास्थ्य उपायों की मांग तेजी से बढ़ रही है, इस सहयोग का प्रभाव वैश्विक स्तर पर महसूस किया जाएगा।
स्वामी रामदेव: वैश्विक वेलनेस के अग्रदूत
इस MoU ने पुनः सिद्ध किया कि स्वामी रामदेव योग और प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में विश्व के सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक हैं। उनके नेतृत्व में पतंजलि समूह ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में आयुर्वेद और योग को एक भरोसेमंद वैज्ञानिक मॉडल के रूप में स्थापित किया है।
रूस की सरकार द्वारा पतंजलि को सहयोगी के रूप में चुना जाना इस बात का प्रमाण है कि दुनिया भारत की प्राचीन जीवन पद्धति और प्राकृतिक चिकित्सा पर बढ़ते विश्वास के साथ आगे बढ़ रही है।
भारत के लिए गर्व का क्षण
इस MoU पर हस्ताक्षर न केवल एक औपचारिक घटना थी बल्कि यह भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक भी बना। भारत–रूस संबंधों के इतिहास में यह वेलनेस-आधारित सहयोग एक नया अध्याय जोड़ता है।
MoU साइनिंग का वीडियो देखें
पूरा वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
https://www.facebook.com/share/v/17qCVRqLKY/
मॉस्को सरकार और पतंजलि समूह के बीच यह MoU केवल एक समझौता नहीं, बल्कि भारत के प्राचीन ज्ञान–विज्ञान और आधुनिक वेलनेस विज्ञान की वैश्विक स्वीकृति का प्रतीक है। यह पहल दोनों देशों में स्वास्थ्य, पर्यटन, अनुसंधान और सांस्कृतिक सहयोग के नए मार्ग खोलेगी।
भारत की सॉफ्ट पावर-योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक स्वास्थ्य विज्ञान-अब विश्व मंच पर और मजबूत रूप से उभर रही है। यह MoU आने वाले वर्षों में वैश्विक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाली पहल के रूप में याद रखा जाएगा।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 8 December 2025 at 12:32 IST