अपडेटेड 7 April 2025 at 15:58 IST

दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट), कृपालु बाग आश्रम तथा दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार हुए एकाकार

रामनवमी के पावन पर्व पर दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट), कृपालु बाग आश्रम तथा दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार एकाकार हो गए।

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Divya Yoga Mandir Rammulakh Darbar  merged into Patanjali Yogapeeth
दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट), कृपालु बाग आश्रम तथा दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार हुए एकाकार | Image: Republic

रामनवमी के पावन पर्व पर दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट), कृपालु बाग आश्रम तथा दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार एकाकार हो गए। दिव्य योग मंदिर राम मुलख दरबार ने पतंंजलि योगपीठ में अपना विलय कर दिया है। यह जानकारी पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव ने पत्रकार वार्ता में दी। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण और योगाचार्य स्वामी लाल जी महाराज भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि तीस वर्ष पूर्व हमने संन्यास ग्रहण कर अपने संस्थान का नाम दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) रखा था। बाद में हमें पता चला कि योगेश्वर स्वामी राम लाल जी का संस्थान दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार पहले से ही है। यह अद्भुत संयोग ही है कि दोनों संस्थान आज एकाकार हो गए। योग की परम्परा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए योगाचार्य स्वामी लाल महाराज जी ने यह आहुति रामनवमी के पावन अवसर पर पतंजलि योगपीठ को अर्पित की है।

स्वामी जी ने कहा कि राम हमारे राष्ट्र हैं, धर्म हैं, संस्कृति हैं, हमारी मूल प्रकृति हैं, मर्यादा हैं। हमारे तन-मन में, जीवन में, रोम-रोम में रामत्व की मर्यादा, राम के प्रेम, करुणा की, राम के राष्ट्रवाद, अध्यात्मवाद, मानवतावाद, समतावाद की प्रतिष्ठा हो जाए। हमारा राष्ट्र ऐसा बने जहां कोई भी रोगी, दु:खी तथा दरिद्र न हो, किसी भी मनुष्य में किसी भी प्रकार की नफरत, बैर न हो। तभी रामराज्य की स्थापना हो सकेगी।

पश्चिम बंगाल में रामनवमी शोभायात्रा से पाबंदी हटाए जाने को लेकर स्वामी जी ने कहा कि इस प्रकार की पाबंदियां राजनीति से प्रेरित होकर वोट बैंक के ध्रुवीकरण के लिए लगाई जाती हैं। रामनवमी, जन्माष्टमी और ईद आदि धार्मिक पर्वों पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए। भारत सनातन का देश है, राम, कृष्ण, हनुमान, शिव का देश है। इसमें सबका आदर है। कोई किसी से घृणा न करे। हिन्दुत्व किसी से घृणा नहीं करता। मुसलमान भी अपना ईमान, मजहब तो मानें किंतु उन्हें भी पता है कि राम उनके भी पूर्वज हैं।

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वक्फ कानून पर एक सवाल का जवाब देते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि पूरे भारत में हिन्दु, मुसलमान, सिख, ईसाइ, जैन, बौद्ध सबके लिए समान रूप से एक संविधान, एक कानून की व्यवस्था है। वक्फ कानून बनने से इस व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यदि वक्फ कानून नहीं बनता तो पूरे देश मेंं विभिन्न समुदाय के लोग अलग-अलग बोर्ड बनाने की मांग करते। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल वक्फ कानून का विरोध वोटों की राजनीति के लिए कर रहे हैं। स्वामी रामदेव ने उत्तराखंड सरकार द्वारा गांव के नाम बदले जाने का भी समर्थन किया।

इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने सभी देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान राम हमारे जीवन, ऊर्जा, सेवा कार्यों व भावनाओं में जाग्रत हों जिससे हम आपसी सौहार्द के साथ एक होकर राष्ट्रसेवा व सृजन के कार्य कर सकें।

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योगाचार्य स्वामी लाल जी महाराज ने कहा कि स्वामी योगेश्वर महाप्रभु रामलाल जी महाराज अवतारी पुरुष थे जिन्होंने आजीवन योग का सरलीकरण कर प्रचार-प्रसार किया। योगधर्म को युगधर्म के अनुरूप बनाया। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव जी महाराज ने योग को घर-घर प्रतिष्ठित करने का जो कार्य किया है, वह न तो पहले कभी किसी ने किया है और न ही भविष्य में कोई कर पाएगा।

Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 7 April 2025 at 15:58 IST