अपडेटेड 30 December 2025 at 20:01 IST

एलो कांटी: पतंजलि का प्राकृतिक एंटी-एजिंग जेल जो त्वचा की कोशिकाओं को फोटोएजिंग से सुरक्षा प्रदान करता है

एलो कांटी, एक प्राकृतिक एंटी-एजिंग जेल, जो बाहरी आघात और उम्र बढ़ने से उत्पन्न विकृतियों को नियंत्रित करता है तथा कैनेरोहैब्डाइटिस एलिगेंस को UVB फोटोएजिंग से सुरक्षा प्रदान करता है।

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alo kanti patanjali natural anti aging gel that protects skin cells from photoaging
एलो कांटी: पतंजलि का प्राकृतिक एंटी-एजिंग जेल जो त्वचा की कोशिकाओं को फोटोएजिंग से सुरक्षा प्रदान करता है | Image: Patanjali

त्वचा का वृद्धावस्था की ओर बढ़ना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन सूर्य की पराबैंगनी किरणें, प्रदूषण, ऑक्सीडेटिव तनाव और जीवनशैली से जुड़े बाहरी कारक इस प्रक्रिया को तेज कर देते हैं। विशेष रूप से UVB किरणें त्वचा की संरचना को नुकसान पहुँचाकर झुर्रियाँ, ढीलापन, असमान रंगत और सूजन जैसी समस्याएँ उत्पन्न करती हैं। ऐसे में प्राकृतिक और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित स्किनकेयर उत्पादों की आवश्यकता बढ़ जाती है। इसी संदर्भ में पतंजलि द्वारा विकसित एलो कांटी, एक प्राकृतिक एंटी-एजिंग जेल, आधुनिक शोध में अपनी प्रभावशीलता के लिए चर्चित हुआ है।

“एलो कांटी, एक प्राकृतिक एंटी-एजिंग जेल, जो बाहरी आघात और उम्र बढ़ने से उत्पन्न विकृतियों को नियंत्रित करता है तथा कैनेरोहैब्डाइटिस एलिगेंस को UVB फोटोएजिंग से सुरक्षा प्रदान करता है” शीर्षक से प्रकाशित शोध में यह स्पष्ट किया गया है कि एलो कांटी त्वचा की विभिन्न प्रमुख कोशिकाओं पर बहुआयामी प्रभाव डालता है। यह जेल त्वचा की ऊपरी परत की केराटिनोसाइट्स, गहरी परत की डर्मल फाइब्रोब्लास्ट्स और रंगद्रव्य बनाने वाली मेलानोसाइट्स पर सकारात्मक प्रभाव दिखाता है।

अध्ययन में पाया गया कि एलो कांटी केराटिनोसाइट्स में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट एंजाइमों जैसे सुपरऑक्साइड डिसम्यूटेज, कैटालेज और ग्लूटाथियोन के स्तर को बढ़ाकर मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को कम करता है। साथ ही, यह सूजन से जुड़े साइटोकाइनों जैसे IL-6 और IL-8 के स्राव को घटाता है, जो सामान्यतः UVB विकिरण और उम्र बढ़ने के साथ बढ़ जाते हैं। इससे त्वचा में जलन और समयपूर्व वृद्धावस्था की प्रक्रिया धीमी पड़ती है।

डर्मल फाइब्रोब्लास्ट्स के संदर्भ में एलो कांटी का प्रभाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण पाया गया। ये कोशिकाएँ कोलेजन के निर्माण के लिए जिम्मेदार होती हैं, जो त्वचा को मजबूती और लचीलापन प्रदान करता है। शोध के अनुसार, एलो कांटी कोलेजन संश्लेषण को बढ़ाता है और कोशिकीय वृद्धावस्था से जुड़े संकेतकों को कम करता है। इससे त्वचा की संरचनात्मक अखंडता बनी रहती है और झुर्रियों व ढीलापन आने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है।
त्वचा की रंगत और पिग्मेंटेशन में मेलानोसाइट्स की अहम भूमिका होती है। अध्ययन में यह भी सामने आया कि एलो कांटी मेलानिन निर्माण से जुड़े एंजाइमों की सक्रियता को नियंत्रित करता है, जिससे असमान त्वचा रंग, डार्क स्पॉट्स और उम्र से जुड़ी पिग्मेंटेशन की समस्याओं को कम करने में सहायता मिल सकती है।

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केवल कोशिकीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि संपूर्ण जैविक मॉडल में भी एलो कांटी के प्रभावों का मूल्यांकन किया गया। इसके लिए कैनेरोहैब्डाइटिस एलिगेंस नामक सूक्ष्म जीव का उपयोग किया गया, जो एजिंग और फोटोएजिंग के अध्ययन में व्यापक रूप से स्वीकार्य मॉडल है। UVB विकिरण के संपर्क में लाए गए इस जीव में एलो कांटी ने फोटोएजिंग से होने वाले नुकसान को कम किया और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने के संकेत दिए।

यह शोध इस बात को मजबूती से स्थापित करता है कि पतंजलि का एलो कांटी केवल पारंपरिक एलोवेरा जेल नहीं है, बल्कि एक ऐसा वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित प्राकृतिक एंटी-एजिंग समाधान है जो एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा, सूजन नियंत्रण, कोलेजन संरक्षण और पिग्मेंटेशन संतुलन जैसे कई महत्वपूर्ण जैविक मार्गों पर कार्य करता है। आधुनिक विज्ञान और आयुर्वेदिक ज्ञान के समन्वय का यह उदाहरण दर्शाता है कि प्राकृतिक उत्पाद भी समकालीन त्वचा विज्ञान में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।

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हालाँकि, संपूर्ण त्वचा देखभाल के लिए सूर्य से सुरक्षा और स्वस्थ जीवनशैली भी आवश्यक है, फिर भी यह अध्ययन एलो कांटी को एक भरोसेमंद और प्रभावशाली प्राकृतिक एंटी-एजिंग जेल के रूप में स्थापित करता है, जो उम्र और पर्यावरणीय आघात दोनों से त्वचा की रक्षा करने की क्षमता रखता है।
 

Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 30 December 2025 at 20:01 IST