अपडेटेड 24 September 2025 at 13:35 IST

जब आप विदेशी स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, तो आपके फोटो, चैट्स और पेमेंट्स का क्या होता है?

स्मार्टफोन अब सिर्फ एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं रह गया, बल्कि हमारी पूरी जिंदगी का आईना बन चुका है। इसमें हमारी तस्वीरें, चैट्स और पेमेंट्स तक सबकुछ सुरक्षित रहता है।

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Ai Plus smartphone
Ai Plus smartphone | Image: Ai Plus smartphone

आज स्मार्टफोन सिर्फ एक गैजेट नहीं, बल्कि आपकी पूरी जिंदगी का डिजिटल दर्पण है। आपके फोटो, चैट्स और पेमेंट्स – सबकुछ इसी डिवाइस में मौजूद है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब आप विदेशी स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, तो इन सबका क्या होता है?

फोटो – यादें परायों के सर्वर पर

  • हर क्लिक किया हुआ पल, हर परिवार की तस्वीर सिर्फ आपके फोन तक सीमित नहीं रहती।
  • ज्यादातर विदेशी स्मार्टफोन आपकी इमेज को ऑटोमैटिक अपने क्लाउड सर्वर पर भेज देते हैं।
  • ये सर्वर अक्सर भारत से बाहर होते हैं, जहां दूसरे देशों के कानून चलते हैं – भारत के नहीं।
  • नतीजा यह कि आपके बच्चों की तस्वीरें और निजी डॉक्युमेंट्स आपके कंट्रोल से बाहर जाकर एआई ट्रेनिंग या विज्ञापनों में इस्तेमाल हो सकते हैं।

चैट्स – एन्क्रिप्शन के बावजूद खतरा

  • मैसेजिंग ऐप्स चैट्स को एन्क्रिप्ट करती हैं, मगर असली खेल होता है मेटाडाटा का।
  • विदेशी स्मार्टफोन आपके कॉन्टैक्ट्स, कॉल हिस्ट्री और टाइमिंग जैसी जानकारी इकट्ठा कर लेते हैं।
  • कई प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स बैकग्राउंड में चलकर आपकी निजी जानकारी तक पहुंच जाती हैं।
  • सबसे बड़ा मुद्दा है डेटा लोकलाइजेशन-अगर डेटा भारत से बाहर गया, तो हमारे कानून भी उसे सुरक्षित नहीं रख पाएंगे।

पेमेंट्स – सबसे बड़ा रिस्क

  • आज स्मार्टफोन ही वॉलेट बन चुका है। लेकिन पैसों के मामले में रिस्क सबसे ज्यादा है।
  • यूपीआई हो या कार्ड पेमेंट्स, विदेशी डिवाइस इन्हें थर्ड-पार्टी सिस्टम्स के जरिए स्टोर या प्रोसेस कर सकते हैं।
  • इससे आपकी खर्च करने की आदतें और वित्तीय जानकारी बाहर चली जाती है
  • सोचिए, करोड़ों भारतीयों का पेमेंट डेटा अगर किसी विदेशी कंपनी के पास हो, तो उसका दुरुपयोग कितना खतरनाक हो सकता है।

यह सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, राष्ट्रीय चुनौती है

जब करोड़ों लोग विदेशी स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, तो यह सिर्फ यूजर का नहीं बल्कि देश का मुद्दा बन जाता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा संप्रभुता का सवाल है।
विदेशी कंपनियां भारत के यूजर्स का डिजिटल नक्शा अपने पास रखती हैं – और इससे हमारा डिजिटल इंडिया मिशन कमजोर होता है।

तो समाधान क्या है?

  • हर यूजर को पूछना चाहिए:
  • डेटा कहां स्टोर हो रहा है?
  • क्या क्लाउड और प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स पर मेरा कंट्रोल है?
  • क्या ब्रांड भारत के डेटा सुरक्षा कानूनों का पालन करता है?

यहीं पर आता है Ai+ Smartphone

Ai+ सिर्फ एक फोन नहीं, बल्कि “Made in India, Designed for Trust” का विजन है।
हर Ai+ डिवाइस भारत में डिजाइन और मैन्युफैक्चर होता है।
यूजर का डेटा भारत के सर्वर्स पर सुरक्षित रहता है।
कोई ब्लोटवेयर नहीं, कोई छिपी हुई ट्रैकिंग नहीं – सिर्फ एक क्लीन और पारदर्शी स्मार्टफोन अनुभव।
किफायती दाम पर वर्ल्ड-क्लास फीचर्स के साथ, Ai+ का मकसद है कि हर भारतीय को सुरक्षित और आधुनिक स्मार्टफोन मिले।

जब आप विदेशी स्मार्टफोन उठाते हैं, तो आप सिर्फ एक डिवाइस नहीं, बल्कि अपना डेटा, प्राइवेसी और पैसा रिस्क पर रखते हैं। लेकिन अब भारत के पास अपना जवाब है – Ai+ Smartphone, जो हर भारतीय के लिए बना है और हमारे देश की डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करता है।

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Published By : Kirti Soni

पब्लिश्ड 24 September 2025 at 13:35 IST