अपडेटेड 21 June 2025 at 21:22 IST
इन 5 योग आसन से मिलेगी मानसिक शांति, आज ही अपनी दिनचर्या में करें शामिल
योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से शांत और भावनात्मक रूप से संतुलित रह सकते हैं। यहां हम आपको 5 आसान योग बता रहे हैं।
- भारत
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International Day of Yoga : शनिवार को दुनियाभर में 11वां योग दिवस मनाया गया। विशाखापट्टनम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी योग दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने योग किया। दिल्ली में कर्तव्य पथ पर जेपी नड्डा, गोरखपुर में सीएम योगी और असम में सीएम हिमंता ने योगाभ्यास किया। देश भर में अगल-अलग जगहों पर योग दिवस से जुड़े कार्यक्रम हुए।
दुनिया ने योग का लोहा माना है। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। योग मानव शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में शरीर को स्वस्थ रखने में बेहद मददगार है। अगर आप योगा नहीं करते हैं, तो हम आपको 5 ऐसे योग आसन बताने जा रहे हैं, जो आपकी जिंदगी में नया बदवाल लेकर आएंगे। ये आसन शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देते हैं।
ताड़ासन (Tadasana - Mountain Pose)
ताड़ासन एक शुरुआती योगासन है, इसे माउंटेन पोज भी जाना जाता है। ये हमारे शरीर को सीधा और संतुलित रखने में मदद करता है। ताड़ासन शरीर की मुद्रा (पोश्चर) को सुधारता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और रीढ़ को मजबूत करता है। यह तनाव कम करने और एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद करता है।
कैसे करें: सबसे पहले सीधे खड़े हों, पैरों को जोड़ें और हाथों को शरीर के किनारे रखें। गहरी सांस लें, हाथों को ऊपर उठाएं और हथेलियों को आपस में जोड़ें। शरीर को ऊपर की ओर खींचें और कुछ सेकंड तक इसी स्थिति में रहें। इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें। सुबह खाली पेट इसका 5-10 बार अभ्यास करें। गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।
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भुजंगासन (Bhujangasana - Cobra Pose)
भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहा जाता है, इसे सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से एक के रूप में भी किया जाता है। यह आसन रीढ़ को लचीला बनाता है, पाचन तंत्र को बेहतर करता है, तनाव और थकान को कम करता है।
कैसे करें: सबसे पहले पेट के बल लेटकर हथेलियों को कंधों के नीचे रखें। सांस लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं, लेकिन नाभि से नीचे का हिस्सा जमीन से ऊपर नहीं उठना चाहिए। 15-30 सेकंड तक इस मुद्रा में रुकें, फिर धीरे-धीरे नीचे आएं। इसे आप सुबह या शाम, 4-5 बार कर सकते हैं। हर्निया के मरीजों और गर्भवती महिलाओं को ये आसन नहीं करना चाहिए।
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वृक्षासन (Vrikshasana - Tree Pose)
वृक्षासन को ट्री पोज भी कहा जाता है, इसमें पेड़ की तरह एक पैर पर खड़ा रहना पड़ता है। यह संतुलन और एकाग्रता को बढ़ाता है, पैरों को मजबूत करता है, तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करता है।
कैसे करें: पहले सीधे खड़े होकर एक पैर को मोड़कर दूसरे पैर की जांघ पर रखें। हाथों को प्रणाम की मुद्रा में छाती के सामने या सिर के ऊपर जोड़ें। 20-30 सेकंड तक इसी मुद्रा में संतुलन बनाए रखें, फिर इसी दूसरी टांग पर दोहराएं। इसे सुबह में करना चाहिए।
बालासन (Balasana - Child’s Pose)
बालासन को चाइल्ड पोज भी कहा जाता है। ये एक विश्राम देने वाला आसन है, जो तनाव, चिंता और थकान को कम करता है। यह रीढ़ को आराम देता है और मन को शांत करता है।
कैसे करें : घुटनों के बल बैठकर नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं। सांस छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को जमीन पर टिकाएं। हाथों को आगे या शरीर के किनारे रखें, 30-60 सेकंड तक रुकें। इसे तनाव महसूस होन पर दिन में किसी भी समय किया जा सकता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom - Alternate Nostril Breathing)
अनुलोम विलोम एक प्राचीन योग श्वास क्रिया (प्राणायाम) है, इसे नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहा जाता है। यह प्राणायाम मानसिक शांति, एकाग्रता और ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है। यह फेफड़ों को मजबूत करता है, BP को नियंत्रित करता है और तनाव को कम करता है।
कैसे करें : सबसे पहले सुखासन या पद्मासन में बैठें। दाहिने हाथ के अंगूठे से दाहिनी नाक बंद करें और बाईं नाक से सांस लें। अब बाईं नाक को अनामिका से बंद करें और दाहिनी नाक से सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक दोहराएं। इसे सुबह में खाली पेट शांत वातावरण में करना चाहिए।
योग करने के लिए लिए शांत और हवादार जगह चुननी चाहिए। अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह लें। इन योग आसनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से शांत और भावनात्मक रूप से संतुलित रह सकते हैं।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 21 June 2025 at 21:22 IST