अपडेटेड 27 December 2024 at 17:39 IST
Year Ender 2024: राजकोट गेमिंग हादसा से हाथरस भगदड़ तक, वो 5 बड़े हादसे, जिसने पूरे देश के झकझोरकर रख दिया
नया साल शुरू होने में 5 दिन बचे हैं, ऐसे में इस साल का मूल्यांकन करें तो कई मामलों में ये साल बहुत अच्छा रहा लेकिन कुछ हादसे ऐसे हुए जिसने पूरे देश के हिला दिया
- भारत
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Year Ender 2024: नया साल शुरू होने में महज पांच दिन बचे हैं, ऐसे में इस साल का यदि मूल्यांकन करने बैठें तो कई मामलों में ये साल बहुत अच्छा रहा लेकिन कुछ हादसे ऐसे हुए जिसने पूरे देश को न सिर्फ हिला कर रख दिया बल्कि बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया। तो आइए आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं उन हादसों के बारे में।
राजकोट गेमिंग जोन हादसा
गुजरात के राजकोट में 25 मई को एक गेमिंग जोन में आग लग गई। इस घटना में 24 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 12 बच्चे शामिल थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह सौराष्ट्र का सबसे बड़ा गेमिंग जोन था। इस घटना के बाद पुलिस ने गेमिंग जोने के मालिक युवराज सिंह सोलंकी और उनके मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया था। हादसे में पाया गया फायर डिपार्टमेंट के एनओसी के बिना ये गेमिंग जोन चल रहा था जो इस हादसे में सबसे बड़ी लापरवाही का कारण बना।
हाथरस सत्संग भगदड़
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हाथरस के सिंकदाराराऊ में एक मैदान सत्संग के बाद श्मशान में तब्दील हो गया। 2 जुलाई को हाथरस के पुलराई गांव में सत्संग का आयोजन किया गया था। सत्संग के बाद कथावाचक भोले बाबा जैसे ही सत्संग खत्म कर अपनी गाड़ी से निकल रहे थे। उसी दौरान उनके पैर छूने के लिए अचानक से लोगों के बीच भगदड़ मच गई और इस हादसे में करीब 121 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर समेत 9 लोगों को बनाया गया लेकिन हैरानी की बात है भोले बाबा उर्फ सूरजपाल पर इस मामले में आरोपी तक के तौर पर दर्ज नहीं है।
वायनाड लैंडस्लाइड
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केरल के वायनाड में 30 जुलाई की रात ऐसी तबाही आई, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। वायनाड में पूरे साल पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। इस लैंडस्लाइड में सैकड़ों लोगों के शव बरामद किए गए और करीब 180 लोग लापता हो गए। करीब हफ्तेभर तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। ये एक प्राकृतिक आपदा जरूर थी लेकिन प्रशासनिक स्तर पर न तो इसे लेकर ठीक से अलर्ट किया गया, न ही इलाका खाली कराया गया और रेस्क्यू में भी कई कमियां देखने को मिलीं। हालांकि सरकार ने जान गंवाने वालो के परिवार को और घायलों को मुआवजा दिया था।
झांसी अस्पताल अग्निकांड
15 नवंबर, 2024 को झांसी मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा यूनिट में आग लग गई। इस अग्निकांड में 18 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। वहीं, 16 लोग घायल हो गए। यह घटना इतनी भयावह थी कि कुछ बच्चों को तो उसकी मां ने जन्म के बाद देखा भी नहीं था। कुछ घंटे पहले पैदा हुए बच्चे से लेकर 1-2 महीने तक के बच्चों ने आईसीयू वार्ड में दम तोड़ दिया। इस अग्निकांड में अस्पताल प्रशासन की तरफ से कई लापरवाहियां देखने को मिलीं। जैसे सीओटू बेस्ड फायर एक्सटिंग्विशर की जगह मल्टी पर्पज फायर एक्सटिंग्विशर का इस्तेमाल किया जाना, या आग जैसी परिस्थिति से निपटने के लिए ज्यादा उपकरणों का होना, शॉर्ट सर्किट पर किसी का ध्यान न देना, बच्चों को समय रहते न निकालना। इस घटना में प्रधानाचार्य को हटाया गया जबकि तीन लोग सस्पेंड हुए।
जयपुर टैंकर एक्सीडेंट
जयपुर के अजमेर रोड पर 20 दिसंबर, 2024 को दर्दनाक हादसा हुआ। इस हादसे में एक कंटेनर ट्रक और LPG टैंकर के बीच टक्कर हुई। जिसमें LPG टैंकर में लगा आउटलेट नोजल टूट गया और गैस हवा में फैल गई, जिसने एक चिंगारी के सहारे इतने बड़े धमाके को जन्म दे दिया जिसमें 17 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। इस गैस के धमाके ने तकरीबन 30 से 40 वाहनों को अपनी जद में ले लिया जिसमें कई लोग बुरी तरह झुलस गए। इस टक्कर के बाद बड़ा धमाका हुआ और थोड़ी ही देर में यात्री सवार बस सहित करीब 40 गाड़ियों में आग लग गई। एक कंटेनर चालक की लापरवाह ड्राइविंग से इतने सारे लोगों की जान चली गई और ये इस साल का आखिरी बड़ा हादसा था जिसने कई परिवारों को रुला दिया।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 27 December 2024 at 17:38 IST