Published 21:13 IST, September 8th 2024
यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण को किसानों की जमीन से बाड़ हटाने का निर्देश
कथित भूमि अधिग्रहण मामले में इलाहाबाद HC ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को याचिकाकर्ता किसानों की जमीन से बाड़ हटाने का निर्देश दिया है।
नोएडा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के लिए कथित भूमि अधिग्रहण के खिलाफ दायर एक रिट याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को याचिकाकर्ता किसानों की जमीन से बाड़ हटाने का निर्देश दिया है।
अदालत ने कहा है कि जब तक उक्त भूमि का या तो अधिग्रहण नहीं कर लिया जाता या फिर जमीन खरीद नहीं ली जाती, तब तक उस पर बाड़ नहीं लगाई जाए।
धर्मेन्द्र कुमार और आठ अन्य किसानों द्वारा दायर रिट याचिका को निस्तारित करते हुए न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति मनीष निगम की खंडपीठ ने पांच सितंबर को पारित आदेश में कहा कि प्राधिकरण द्वारा यदि इन याचिकाकर्ताओं की जमीन पर बाड़ लगाई गई है तो उसे हटाया जाए।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि ना तो उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया है और ना ही उन्होंने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पक्ष में जमीन का बैनामा किया है, लेकिन अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के लिए उनकी जमीन पर बाड़ लगा दिए हैं।
इस रिट याचिका में कहा गया है कि जून 2024 में सेक्टर 21 में याचिकाकर्ताओं के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी की एक अति महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई जिसके तहत प्राधिकरण ने एक प्रस्ताव किया कि 1,000 एकड़ में इस फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा।
इसके लिए प्राधिकरण ने 25 अगस्त को सार्वजनिक नोटिस जारी कर गांव के भू स्वामियों को सेक्टर 21 की उनकी जमीन बेचने के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद, याचिकाकर्ताओं ने इस नोटिस के खिलाफ अपनी आपत्ति दाखिल करते हुए जमीन बेचने से इनकार किया।
हालांकि, प्राधिकरण ने इन याचिकाकर्ताओं के गांव में एक साइन बोर्ड लगा दिया और बाड़ लगाना शुरू कर दिया जिससे याचिकाकर्ताओं की जमीन, उनकी पहुंच से दूर हो गई और इसके खिलाफ उन्होंने यह रिट याचिका दायर की।
याचिकाकर्ताओं ने गौतमबुद्धनगर जिले की जेवर तहसील के रबुपुरा गांव में स्थित अपनी जमीन से बाड़ हटवाने का अदालत से अनुरोध किया ताकि वे अपनी जमीन पर खेती कर सकें।
Updated 21:13 IST, September 8th 2024