अपडेटेड 21 September 2023 at 17:42 IST
Anant Chaturdashi: अनंत चतुर्दशी क्यों है खास, क्या है इसका महत्व और पूजा विधि?
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि का संचालक माना गया है तो वहीं भगवान गणेश सभी देवताओं में प्रथम पूज्य है. इसलिए अनंत चतुर्दशी की पूजा और व्रत बहुत फलदायी मानी जाती है।
- भारत
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Kyo Khaas Hai Anant Chaturdashi: हर साल भादो माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, इस दिन न सिर्फ 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का समापन होता है बल्कि विष्णु भगवान की पूजा भी की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं अनंत चौदस का महत्व क्या है और पूजा विधि क्या है?
स्टोरी में आगे ये पढ़ें...
- क्यों बेहद खास है अनंत चतुर्दशी?
- क्या है अनंत चतुर्दशी का महत्व?
- अनंत चतुर्दशी पर कैसे करें पूजा?
क्यों बेहद खास है अनंत चतुर्दशी?
अनंत चतुर्दशी की खासियत के पीछे एक रोचक कहानी है। पौराणिक कथा के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु ने 14 लोकों की रक्षा करने के लिए चौदह रूप धारण किए थे, इसलिए यह पर्व खास माना जाता है। यही वजह है कि इस दिन विष्णु जी के अनंत रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही 14 गांठ वाला सूत्र कलाई पर बांधा जाता है।
क्या है अनंत चतुर्दशी का महत्व?
हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ के साथ ही व्रत रखने का विधान भी है। ये व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए पूजा-व्रत से भगवान प्रसन्न होते हैं और अनंत फल देते हैं। अनंत चतुर्दशी व्रत के दिन अगर आप श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करते हैं तो इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। साथ ही यह व्रत धन-संपति, सुख-संपदा और संतान की कामना के लिए भी किया जाता है।
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अनंत चतुर्दशी पर कैसे करें पूजा?
- अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह उठकर नहा-धोकर व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद घर या मंदिर में अनंत चतुर्दशी की पूजा करें।
- घर पर पूजा करने के लिए पूजाघर की अच्छे से सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें और कलश स्थापना करें।
- कलश में एक बर्तन रखकर इसमें कुश से निर्मित अनंत की स्थापना करें। अगर कुश से अनंत बनाना संभव न हो तो आप भगवान विष्णु की तस्वीर भी रख सकते हैं।
- इसके बाद अनंत सूत्र तैयार करने के लिए एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर इसमें चौदह गांठ लगा दें और इसे भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने चढ़ा दीजिए।
- अब हल्दी, अक्षत, फूल, फल, नेवैद्य, पंचोपचार आदि से भगवान की पूजा करें और पूजा में अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा पढ़ें और भगवान की आरती करें।
- पूजा समाप्त होने के बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें।
- अगर आप पुरुष हैं को अनंत सूत्र को दांए हाथ में और महिला हैं तो बाएं हाथ में अंनत सूत्र बांधे।
- इसके बाद सामर्थ्यनुसार ब्राह्मण को भोजन कराने या दान देने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
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Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 21 September 2023 at 17:32 IST