अपडेटेड 22 November 2025 at 20:08 IST

Why School Student Suicide: न्यूक्लियर फैमिली, वर्किंग पेरेंट्स... स्टूडेंट्स क्यों कर रहे सुसाइड? एक्सपर्ट ने बताया कारण, कैसे बचाएं?

रीवा, जयपुर, दिल्ली और महाराष्ट्र के जालना में चार स्कूल छात्रों की आत्महत्याओं ने समाज को झकझोर दिया। आरोप है कि इसका मुख्य कारण स्कूल में बुलिंग, शिक्षकों का उत्पीड़न और मानसिक दबाव है।

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Why School Student Suicide : हाल के दिनों में देशभर से छात्रों की आत्महत्या की खबरें दिल दहला रही हैं। मध्य प्रदेश के रीवा, राजस्थान के जयपुर, दिल्ली और महाराष्ट्र के जालना जैसे शहरों में हुई चार घटनाओं ने पूरे समाज को झकझोर दिया है। इन मामलों में स्कूलों में होने वाले उत्पीड़न, बुलिंग और मानसिक प्रताड़ना मुख्य वजह बनीं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे न्यूक्लियर परिवार, कामकाजी माता-पिता का व्यस्त जीवन और शैक्षणिक दबाव जैसे कारण हो सकते हैं। मनोचिकित्सक डॉक्टर रीतू भारती बताती हैं कि संयुक्त परिवारों की कमी से बच्चे भावनात्मक रूप से खुदको अकेला पाते हैं। अकेलेपन की भावना छात्रों में चिंता और अवसाद बढ़ाती है। न्यूक्लियर सेटअप में बच्चे अपनी समस्याएं किसी से साझा नहीं कर पाते।

वर्किंग पेरेंट्स और स्कूलों में बुलिंग

दोनों माता-पिता नौकरी में व्यस्त होने से बच्चों को पर्याप्त समय और ध्यान नहीं मिलता। माता-पिता की अपेक्षाएं और दूसरे बच्चों से तुलना भी दबाव को दोगुना कर देती हैं। इसके अलावा स्कूलों में बुलिंग, रैगिंग, भेदभाव और टीचर का कठोर रवैया छात्रों को तोड़ देता है।

स्कूलों में उत्पीड़न नहीं झेल पाए छात्र

हाल ही में रीवा, जयपुर, दिल्ली और महाराष्ट्र के जालना में छात्रों ने कथित तौर पर स्कूल की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करली। ये हादसे बताते हैं कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए। बच्चों की मानसिक सेहत को प्राथमिकता देकर ही हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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रीवा (मध्य प्रदेश)

सेमरिया के एक स्कूल में कक्षा 11 की छात्रा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। उसके सुसाइड नोट में टीचर पर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप था। परिवार का कहना है कि बच्ची घर पर हमेशा खुश रहती थी, लेकिन स्कूल का तनाव उसे तोड़ गया। पुलिस ने सुसाइड नोट को सबूत बनाया और जांच शुरू की है।

जयपुर (राजस्थान)

राजस्थान के जयपुर में 1 नवंबर को एक प्राइवेट स्कूल की चौथी मंजिल से कूदकर 9 साल की छात्रा ने आत्महत्या कर ली। परिवार के अनुसार लंबे समय से बच्ची को लगातार बुलिंग किया जा रहा था। आरोप है कि घटना वाले दिन ही छात्रा ने अपनी टीचर से 45 मिनट में 5 बार शिकायत की थी, लेकिन टीचर ने कोई ध्यान नहीं दिया और न ही छात्रा को रेलिंग तक पहुंचने से रोका।

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दिल्ली

राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन पर 16 साल के छात्र ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। उसके नोट में चार शिक्षकों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप था। वह शर्मीला था और एक्टर बनने का सपना देखता था। छात्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, "मुझे बहुत दुख है, लेकिन स्कूल वालों ने इतना कुछ कहा कि मजबूर होना पड़ा। कोई और बच्चा ऐसा न करे।"

जालना (महाराष्ट्र)

13 साल की बच्ची ने स्कूल की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या की। पढ़ाई को लेकर शिक्षक ने परिवार को बुलाया था, जिसके बाद यह हादसा हुआ। पुलिस कारणों की जांच कर रही है।

ये घटनाएं न सिर्फ परिवारों को तोड़ रही हैं, बल्कि शिक्षा प्रणाली की कमियों को भी उजागर कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मां-बाप को अपने बच्चों पर अधिक ध्यान देना चाहिए और एक दोस्त की तरह उनकी दिक्कतों को समझना चाहिए।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 22 November 2025 at 20:08 IST