अपडेटेड 24 September 2025 at 22:03 IST
विदेश में पढ़ाई, स्विट्जरलैंड में नौकरी... कौन हैं रोहिणी घावरी? जिन्होंने चंद्रशेखर पर लगाया शोषण का आरोप और दी सुसाइड की धमकी
रोहिणी घावरी ने आज सुबह ही अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर जहर खाने की धमकी दी थी।
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Rohini Ghavari: उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीएचड स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने सुसाइड की धमकी दी।
रोहिणी घावरी ने आज सुबह ही अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर जहर खाने की धमकी दी थी। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए चंद्रशेखर आजाद के लिए लिखा कि मेरा जीवन बर्बाद करके खुशियां मना रहा है। आज ही तेरे नाम पर जहर खाऊंगी, तूने मुझे खत्म कर दिया।
रोहिणी ने अपने X पोस्ट पर क्या लिखा?
उन्होंने आगे पीएम मोदी को टैग करते हुए लिखा कि मेरी लाश भी भारत वापस मत लाना। किसी ने मेरी नहीं सुनी। सभी अपराधी का साथ देते रहे। तुम सभी को मेरा अंतिम अलविदा।
रोहिणी ने लगाया शोषण का आरोप
स्विट्जरलैंड के जेनेवा में रहते हुए रोहिणी ने भारत में बहुजन समाज के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए एक फाउंडेशन शुरू किया। वह सोशल मीडिया हैंडल X पर दलित-बहुजन मुद्दों पर सक्रिय हैं और चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर काम किया करती थीं। रोहिणी का दावा है कि वह चंद्रशेखर के साथ कई सालों तक रिलेशनशिप में रहीं। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर ने उनका और अन्य लड़कियों का शोषण किया, जबकि वे शादीशुदा थे। रोहिणी ने लोकसभा चुनाव 2024 तक चुप्पी साधे रखी जिससे कि चंद्रशेखर का राजनीतिक करियर खराब न हो।
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इंदौर की रहने वाली हैं रोहिणी
जान लें कि रोहिणी इंदौर की रहने वाली हैं, लेकिन वर्तमान में वह स्विट्जरलैंड में रह रही हैं। वह वाल्मिकि समुदाय से आती हैं। उनके पिता इंदौर के एक बीमा अस्पताल में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं।
रोहिणी की पढ़ाई-लिखाई
रोहिणी ने स्विट्जरलैंड की एक यूनिवर्सिटी से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्हें PHD पूरा करने के लिए 1 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली थी। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की है। इससे पहले रोहिणी ने इंस्टिट्यूट ऑफ कॉमर्स से फॉरेन ट्रेड में बीबीए किया और फिर इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से मार्केटिंग में एमबीए की पढ़ाई की थी।
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स्विटजरलैंड में जॉब कर रहीं रोहिणी
रिपोर्ट्स की मानें तो रोहिणी पिछले पांच साल से स्विटजरलैंड में जॉब कर रही हैं। वहां वह एक NGO भी चलाती हैं। वह पहली बार चर्चा में तब आई थीं जब उन्होंने यूनाइटेंड नेशंस में अपनी स्पीच की शुरुआत जयश्री राम से की थी। जानकारी के अनुसार, साल 2019 में जब वह पढ़ाई के सिलसिले में स्विटजरलैंड गई थीं तभी वो चंद्रशेखर आजाद के संपर्क में आईं थीं।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 24 September 2025 at 22:02 IST