अपडेटेड 9 November 2024 at 19:32 IST
कौन हैं बबिता सिंह चौहान? जिन्होंने एकता हत्याकांड के बाद जिम-टेलर शॉप में महिला की भर्ती की जरूरी
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने एक खास आदेश दिया है।
- भारत
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UP Women Commission Babita Chouhan: भारत में अक्सर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़ी बड़ी चर्चाएं तो होती हैं लेकिन ग्राउंड पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कैसे होगी इसको लेकर कम ही नियम बनाए जाते हैं, उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने एक ऐसा आदेश दिया है, जिसे यकीनन महिलाओं को कुछ तो सहजता महसूस होगी ही। दरअसल बबीता सिंह चौहान ने आदेश दिया है कि जिम, ब्यूटी पार्लर, सैलून और टेलर की दुकानों में महिला ट्रेनर्स और कर्मचारियों की नियुक्ति को अनिवार्य करना होगा। उनका मानना है कि इस कदम से महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर उभर कर आएंगे।
डॉ. बबीता सिंह चौहान के इस निर्णय का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाना और सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर है। बबीता ने ये भी स्पष्ट किया कि पुरुष कर्मचारियों को हटाया नहीं जाएगा, बल्कि उनके साथ महिला कर्मचारियों की भी नियुक्ति की जाएगी, ताकि जिम, ब्यूटी पार्लर और टेलर की दुकानों में महिलाएं और भी सुरक्षित और सहज महसूस कर सकें।
बबीता ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठाए सख्त कदम
आगरा की रहने वाली डॉ. बबीता सिंह चौहान का समाजसेवा और राजनीति में लंबा अनुभव रहा है। वे कई सालों से महिला अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत हैं और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनने के बाद से ही उन्होंने महिला सुरक्षा को लेकर कई ठोस कदम उठाए हैं।
महिलाओं को अक्सर उत्पीड़न सहना पड़ता है- बबीता
बबीता सिंह चौहान ने एक बयान में कहा कि जिम और सैलून जैसी जगहों पर महिलाओं को अक्सर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जिसमें वीडियोग्राफी और अनुचित व्यवहार जैसी घटनाएं शामिल होती हैं। महिला कर्मचारियों की उपस्थिति से महिलाएं अपनी समस्याएं खुलकर अपनी बातें शेयर कर पाएंगी और खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी।
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यूपी महिला आयोग ने दिए कड़े निर्देश
यूपी में महिला आयोग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि इन सभी संस्थानों के कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। साथ ही, यह नियम सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे कस्बों में भी लागू किया जाएगा। जिला प्रशासन को इस आदेश के जुड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी गई है और संस्थानों को इस बदलाव के लिए वक्त भी दिया जाएगा ताकि वह इस नियम को अपना सके।
डॉ. बबीता चौहान का मानना है कि महिलाओं के पास हर क्षेत्र में काम करने का अधिकार है और जिम जैसी जगहों पर उन्हें सिर्फ पुरुषों की उपस्थिति के कारण असुविधा का सामना नहीं करना चाहिए। यह निर्णय महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 8 November 2024 at 18:57 IST