अपडेटेड 22 January 2024 at 19:34 IST
अयोध्या से दूरी बनाने वाले माफी मांगें, आज सनातन की पुनर्स्थापना का दिन- आचार्य प्रमोद कृष्णम
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम भी रामभक्ति में लीन नजर आए।
- भारत
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Acharya Pramod Krishnam: अयोध्या में भगवान राम के दिव्य और भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। राम भक्तों का 500 सालों का इंतजार, कारसेवकों का बलिदान, संतों की तपस्या का परिणाम आज राम मंदिर के रूप में पूरी शान से चमक रहा है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम भी रामभक्ति में लीन नजर आए। उन्होंने कहा कि सनातन तो पहले से ही विश्व में अग्रणी है, आज सनातन के पुनर्स्थापना की तिथि है।
अयोध्या से दूरी बनाने वाले माफी मांगें- आचार्य प्रमोद कृष्णम
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैं उन लोगों से आग्रह करता हूं कि जो लोग अयोध्या से दूरी बना रहे हैं, यहां आकर माथा टेकें और अपनी गलतियों की माफी मांगे। क्योंकि अयोध्या सबकी है राम सबके हैं। राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है। राम जगत के स्वामी है और आज सारे विश्व में उनके नाम की गूंज हो गयी है। जिन्हें ये नहीं दिख रहा है वे या तो अंधे हैं या फिर आंख बंद कर रखी हैं।
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पीएम मोदी ने गर्भगृह में की पूजा
84 सेकेंड के शुभ मुहुर्त के दौरान रामलला की आंखों से पट्टी हटाई गई। इस दौरान पीएम मोदी और अन्य लोग रामलला की प्रतिमा का पूजन करते ररहे। सांवली सूरत और मोहनी मूरत जैसे ही मूर्ति से आखों के पट्टी हटाई गई गर्भगृह में मौजूद सभी लोग उनके रूप को देखते ही रह गए। PM मोदी भी गर्भगृह में टकटकी लगाकर रामलला की मोहनी सूरत देखते रह गए।
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श्री राम की मूर्ति का रंग काला क्यों?
आपको बता दें कि महर्षि वाल्मीकि रामायण में भगवान राम श्यामल रूप का वर्णन किया गया है। इसलिए प्रभु श्री राम को श्याम रूप में पूजा जाता है। वहीं, एक और बड़ी वजह ये है कि श्री राम की मूर्ति का निर्माण श्याम शीला के पत्थरों से किया गया है।रामचरित मानस के बालकांड में भगवान राम के बाल रूप की जैसे व्याख्या है पहली झलक में लला वैसे ही लगते हैं। अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित कृष्णशिला से बनी श्रीरामलला की मूर्ति आभास महाग्रंथ में वर्णित शब्दों का कराती प्रतीत होती है।
राम मंदिर में आए कौशल्या के राम
धर्म गुरुओं के अनुसार, जन्म भूमि में बाल स्वरूप की उपासना की जाती है। इसलिए भगवान राम की मूर्ति बाल स्वरूप में बनाई गई है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 22 January 2024 at 19:34 IST