अपडेटेड 14 June 2025 at 23:16 IST
'बाहर में दू नंबर का काम करता है... लगता है इसकी नौकरी चली गई', शहरी बाबू गांव पहुंचते हैं तो कैसे-कैसे तंज? हो जाएंगे लोट-पोट
गांव का अपना अलग ही मजा है। वहां हर कोई अपना है। शहर में पैसा तो बहुत है पर रिश्ते कम हो गए हैं। आलीशान जिंदगी है, मंहगी गाड़िया और कपड़े पर मिट्टी की सौंधी खुशबू नहीं हैं।
- भारत
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लोग नौकरी, रोजगार और पढ़ाई की खातिर अक्सर गांवों को छोड़कर शहर आते हैं, वो रहते तो शहरों में मगर उनका मन गांव की कच्ची-पक्की पगडंडियों में ही कहीं अटका रहता है। इसलिए जब भी साल में एक या दो बार उन्हें छुट्टी मिलती है तो लोग सीधे अपने गांव जाकर अपने मन को हल्का करते हैं। परिवार के लोगों से मिलकर खुशी मनाते हैं और फिर वापस अपने काम पर लौट जाते हैं।
गांव जाने पर आपका मनोरंजन भी खूब होता है। अगर आप एक महीने से ज्यादा गांव में रुक जाओ तो लोग तरह-तरह की बातें बनाने लगते हैं। मसलन, कहीं नौकरी को नहीं छूट गई इसलिए गांव में पड़ा है। सुबह दौड़ने चलो जाओ तो बोलते हैं कि लगता है इसको शुगर हो गया है। कम उम्र में अच्छा कमाना शुरू कर दो गांव में बातें होने लगती हैं कि लगता है दो नंबर का काम करता है। ऐसी-ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे।
गांव में जाने पर पता चलता है कि लोग आपके बारे में क्या-क्या सोचते हैं जैसे, जल्दी शादी कर लिए तो इंटरकास्ट का चक्कर होगा इसलिए बाप जल्दी शादी करा दिए। शादी में देर हुई तो लड़के में कोई दोष होगा या फिर औकात से ज्यादा दहेज मांग रहे होंगे, बिना दहेज के शादी कर लो तो लड़की प्रेग्नेंट थी इसलिए इज्जत बचाने की खातिर अरेंज करा दिए होंगे और भी न जाने कैसी-कैसी बातें सुनने को मिलती हैं।
इस तामाम बातों के बावजूद गांव का अपना अलग ही मजा है। वहां हर कोई अपना है। शहर में पैसा तो बहुत है पर रिश्ते कम हो गए हैं। आलीशान जिंदगी है, मंहगी गाड़िया और कपड़े पर मिट्टी की सौंधी खुशबू नहीं हैं।
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(नोट- ये कहानी Quora पर नागेंद्र यादव के निजी अनुभव के आधार पर लिखी गई है।)
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Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 14 June 2025 at 23:16 IST