अपडेटेड 6 March 2024 at 22:40 IST
दारुल उलूम देवबंद में कब जारी किया था गजवा ए हिन्द वाला फतवा? जिसपर हो रहा विवाद
Deoband Fatwa Row : दारुल उलूम, देवबंद ने गजवा-ए-हिन्द का फतवा 1 दिसबंर, 2008 को जारी किया गया था।
- भारत
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Darul Uloom Deoband : इस्लामिक संस्था दारुल उलूम, देवबंद इन दिनों गजवा-ए-हिन्द को मान्यता देने वाले फतवे को लेकर विवादों में है। जगह-जगह दारुल उलूम का विरोध हो रहा है। इस मामले में यूपी सरकार ने जांच के आदेश दिए थे, तो वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी मामले का संज्ञान लिया है। इस मामले में NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने यूपी सरकार को कार्रवाई करने के लिए नोटिस दिया था। अब यूपी सरकार ने NCPCR के नोटिस का जवाब दिया है।
प्रियांक कानूनगो ने बताया कि उन्हें यूपी सरकार का जवाब मिला है। जिसमें बताया गया है कि ये दारुल उलूम, देवबंद ने गजवा-ए-हिन्द का फतवा 1 दिसबंर, 2008 को जारी किया गया था। इस मामले में जिला प्रशासन ने रिपोर्ट सौंपने के लिए समय मांगा है। प्रियांक कानूनगो ने कहा कि इस फतवे में भारत के ऊपर एक प्रकार का आक्रमण करना, बच्चों और उसमें मारे जाने वालों को शहीद का दर्जा कनरे की बात की गई है।
26/11 हमले के बाद दिया फतवा
प्रियांक कानूनगो ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि दारुल उलूम, देवबंद की तरफ से किए गए फतवे की तारीख को अगर देखें तो 1 दिसंबर, 2008 है। ये तारीख 26/11 को हुए आतंकी हमले से ठीक बाद की है। ये उसके ठीक बाद जारी किया गया फतवा है। उन्होंने कहा कि ये मामला गंभीर है, हमने कलेक्टर और एसपी सहारनपुर को समन करके दिल्ली आने को कहा है। इसपर एक्शन टेकन रिपोर्ट और स्पष्टीकरण मांगा है।
प्रभावित होकर आतंकी बन रहे युवा
प्रियांक कानूनगो ने आगे कहा कि देवबंद से प्रभावित होकर बच्चे गलत हरकतों को अंजाम दे सकते हैं। संभल का युवा देवबंद से प्रभावित होकर आतंकी बना था। उन्होंने आरोप लगाया कि दारुल उलूम, देवबंद से संबंधित संस्थाओं को, उसपर नियंत्रण करने वाले मौलानाओं को फंडिंग आती है। उनको जमीयत ए उलेमा ए हिंद यूनाइटेड किंगडम से करोड़ों रुपये आता है। जमीयत ए उलेमा ए हिंद यूनाइटेड किंगडम पाकिस्तान को भी पैसा दे रहा है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 6 March 2024 at 22:40 IST