अपडेटेड 2 September 2021 at 11:29 IST

बिहार में बाढ़ आने का क्‍या है मुख्य कारण? हर साल बेघर हो जाते हैं लोग

बिहार करीब 40 साल से हर साल बाढ़ की त्रासदी का दंश झेल रहा है। आइए जानते है आखिरकार बिहार में क्यों बार-बार बाढ़ और सारे को उपायों को ध्वस्त कर जाती है। इसके कारण क्या है?

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| Image: self

बिहार करीब चालीस साल से हर साल बाढ़ की त्रासदी (Flood) का दंश झेल रहा है। हर नई सरकार के दावे, तमाम व्यवस्थाएं इस कहर के सामने फीकी पड़ जाती हैं। लाखों लोग बेघर हो जाते हैं। बिहार की बड़ी आबादी को हर साल बाढ़ के विकराल से रूप का सामना करना पड़ता है। जब हर साल बाढ़ आती है, तो जरूर ही इसके उपाय भी ढूंढे गए होंगे लेकिन इस प्राकृतिक कोप के आगे सभी तौर- तरीके बेकार पड़ जाते हैं। आइए जानते है आखिरकार बिहार में क्यों बार-बार बाढ़ आती है और सारे उपायों को ध्वस्त कर जाती है। 

बाढ़ आने का मुख्य कारण (cause of flood)

दरअसल बिहार में बाढ़ की वजह नेपाल से आने वाला पानी है। बिहार के सात जिले यथा पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया व किशनगंज नेपाल से सटे हुए हैं। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में तेज वर्षा होती है, तो यहां से निकलने वाली कोसी, घाघरा, पांडक और छोटी-छोटी नदियां इसे नेपाल के मैदानी क्षेत्रों में भर देती है।

नेपाल में पत्थरों के उत्खनन व खेती के लिए जंगलों की अंधाधुंध कटाई की गई। इसलिए जल अधिग्रहण क्षेत्र में कमी आने से बारिश का पानी रूकने की बजाए तेजी से बहकर नीचे चला आता है, और ये पानी धीरे-धीरे बिहार के उत्तरी क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगता है। जिसके बाद बिहार में बहने वाली नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है और यही बाद में विकराल बाढ़ का कारण बनता है। सभी जिलों में से सीतामढ़ी सबसे अधिक प्रभावित जिला है, क्योंकि ये नेपाल से सबसे नजदीक है। 

कोसी परियोजना (Kosi Project)  से हुआ कितना फायदा 

1954 में बनी कोसी परियोजना बाढ़ को रोकने की पहली परियोजना थी, जो कि भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित है। कोसी नदी पर बनाए गए इस बांध को लेकर भारत और नेपाल में एक समझौता हुआ था कि अगर कोसी नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा तो बांध के गेट खोल दिए जाएंगे। जिससे बांध को कोई नुकसान ना पहुंच सके। शायद इसलिए कोसी नदी को बिहार का शोक या  अभिशाप कहा जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोसी बांध ने बिहार में आने वाले बाढ़ को और भी प्रलय कारी बना दिया है। 

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ग्लोबल वार्मिंग (global Warming) का असर 

इस समय में बाढ़ आने का सबसे मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग बताया जाता है। प्राकृतिक के साथ छेड़छाड़ के चक्कर में मानव ने अपने लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में वृद्धि हो रही है और ग्लेशियर पिघल रहे हैं। भारी वर्षा हो रही है। जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है और बाढ़ अपना काहर बरपा रहा है। 

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Published By : Nisha Bharti

पब्लिश्ड 2 September 2021 at 11:19 IST