अपडेटेड 23 May 2025 at 13:42 IST

PM-SYM Scheme: मजदूरों के लिए बुढ़ापे में सहारा बनती है ये स्कीम! सरकार देती है 3000 रुपये प्रति महीना, आप भी कर लें अप्लाई

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की योजना को मजदूर वर्ग के लिए बुढ़ापे का एक सराहा मान सकते हैं। वो इसलिए कि योजना के जरिए बुढ़ापे में मजदूरों को 3 हजार रुपये प्रति महीने दिए जाने का प्रावधान है, जो पेंशन के रूप में उनको मिलता है।

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Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana
Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana | Image: File

Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana: देश में असंगठित क्षेत्र के कामगारों की संख्या तकरीबन 42 करोड़ है। इस आंकड़े से हिंदुस्तान की स्थिति तो आंका जा सकता है। खैर, असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार काम करती है। इसी क्रम में असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए  प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएम-एसवाईएम) का ऐलान हुआ था। मोदी सरकार ने पीएम-एसवाईएम को अंतरिम बजट 2019 में पेश किया था।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की योजना को मजदूर वर्ग के लिए बुढ़ापे का एक सराहा मान सकते हैं। वो इसलिए कि योजना के जरिए बुढ़ापे में मजदूरों को 3 हजार रुपये प्रति महीने दिए जाने का प्रावधान है, जो पेंशन के रूप में उनको मिलता है। योजना का हिस्सा वो लोग बन सकते हैं , जो असंगठित क्षेत्र के 18 से 40 साल की आयु के मजदूर हैं और उनकी मासिक आय 15000 रुपये या उससे कम है। फिलहाल यहां योजना की पात्रता से लेकर योजना के लाभ और नियमों के बारे में बताते हैं।

पात्रता मानदंड

उम्र: 18 से 40 साल।

आय सीमा: मासिक आय 15000 या उससे कम होनी चाहिए।

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असंगठित क्षेत्र रोजगार: रेहड़ी-पटरी वाले, कूड़ा बीनने वाले, रिक्शा चालक, निर्माण स्थल पर काम करने वाले श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, कृषि श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, घरेलू कामगार, बुनकर, कारीगर, मछुआरे, चमड़ा कामगार आदि।

एक्सक्लूजन मानदंड: कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी), या राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत कवर नहीं होना चाहिए। आयकरदाता नहीं होना चाहिए। किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त नहीं कर रहा हो।

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जरूरी दस्तावेज: आधार कार्ड, IFSC समेत बचत बैंक खाता या जन धन खाता विवरण और मोबाइल नंबर।

सरकार किस उम्र में कितनी पेंशन जोड़ती है?

60 साल की आयु होने पर लाभार्थियों को जीवन भर 3000 रुपये प्रति माह की निश्चित पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। केंद्र सरकार भी उनके पेंशन खाते में बराबर का योगदान देगी। इसमें उम्र के हिसाब से लोगों से अलग-अलग धनराशि ली जाती है, जिसमें  पेंशन की तौर पर उतना ही पैसा सरकार अपनी तरफ से जोड़ती है।

बीच में स्कीम छोड़ी, तब क्या होगा?

  • 10 साल से पहले बाहर निकलना: अगर कोई कर्मचारी 10 साल से पहले योजना से बाहर निकलता है तो योगदान की गई राशि बचत बैंक ब्याज दर के साथ वापस कर दी जाती है।
  • 10 साल के बाद, लेकिन 60 साल की आयु होने से पहले: लाभार्थी को उसके अंशदान का हिस्सा ब्याज के साथ मिलता है।
  • 60 साल से पहले मृत्यु या दुर्घटना के कारण स्थायी दिव्यांगता: पति या पत्नी योजना को जारी रख सकते हैं। इसके अलावा एक ऑप्शन ये होता कि राशि को ब्याज के साथ निकाल सकते हैं।
  • 60 साल के बाद मौत होने पर: पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन के रूप में पेंशन का 50 प्रतिशत मिलता है।
  • रजिस्टर मजदूर या इसके जीवनसाथी की मृत्यु के बाद पूरी धनराशि वापस निधि में जमा कर दी जाती है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 23 May 2025 at 13:42 IST