अपडेटेड 30 April 2025 at 16:59 IST
क्या है OGW? पहलगाम आंतकी हमले में बार-बार आ रहा नाम, आम नागरिकों के बीच एक धुंधली रेखा
Over ground workers (OGW) आमतौर पर हथियार नहीं उठाते, लेकिन आतंकी गतिविधियों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करते हैं।
- भारत
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Pahalgam terror attack : 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आंतकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हमले वाली जगह पर 3D मैपिंग की है। इससे आतंकियों के रूट की सटीक जानकारी मिलेगी। पहलगाम की बैसरन घाटी में अत्याधुनिक हथियारों से लैस कई आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग कर 26 लोगों की हत्या करदी थी। इस हमले में ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) का नाम बार-बार आ रहा है। ऐसे में सवाल है कि ये OGW है क्या?
बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछ-पूछकर निशाना बनाया। आतंकियों ने पुरुषों की पैंट उतरवाई और प्राइवेट पार्ट देखकर चेक किया कि हिंदू हैं या मुस्लिम। आतंकी हमले के बाद एक्शन में आए सुरक्षाबल लगातार संदिग्धों पर कार्रवाई कर रहे हैं। दक्षिण कश्मीर में लगातार OGW हिरासत में लिया जा रहे हैं। सुरक्षाबलों ने मंगलवार को भी उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में 3 OGW को गिरफ्तार किया था। तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।
क्या है OGW?
ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) वे लोग हैं जो भारत में रहकर हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-ताइबा जैसे आतंकवादी संगठनों को रसद (logistics), नकदी, शरण, जानकारी और दूसरी बुनियादी मदद करते हैं। ये लोग आमतौर पर हथियार नहीं उठाते, लेकिन आतंकी गतिविधियों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करते हैं। जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद इनकी भूमिका और गतिविधियों पर सुरक्षा बलों का ध्यान बढ़ा है।
लद्दाख को छोड़कर, जम्मू-कश्मीर के लगभग सभी जिलों में OGW सक्रिय हैं। लेकिन मुश्किल ये है कि आम नागरिकों के बीच इनकी पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि ये आम लोगों के बीच रहकर आतंकियों की मदद करते हैं। OGW, आम नागरिकों के बीच एक धुंधली रेखा है, जिस कारण आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करना चुनौती बना हुआ है।
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OGW की भूमिका
पहलगाम हमले के बाद पूरे कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। चेक पोस्ट पर सुरक्षाकर्मी वाहनों की जांच कर रहे हैं। बॉर्डर स्टेट पंजाब ने भी सुरक्षा बढ़ा दी है। सुरक्षाबलों को उम्मीद है कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ के बाद आतंकियों के नेटवर्क की पहचान हो सकती है। कयास लगाए जा रहें कि OGW ने पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आंतकियों को रसद और खुफिया सहायता में मदद की थी।
370 हटने का OGW पर असर
OGW सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। युवाओं को उग्रवाद की तरफ प्रेरित करना, चरमपंथी विचारधारा फैलाना, भीड़ को उकसाना, भीड़ से सुरक्षा बलों पर हमले करवाना, आतंकी संगठनों के लिए धन इकट्ठा करना, ये सब OGW के काम का हिस्सा है। ये लोग आतंकवाद से प्रभावित भी होते हैं, लेकिन आमतौर पर पैसे के लिए काम करते हैं। जम्मू-कश्मीर से 370 हटने के बाद आतंकवाद और अलगाववाद को कम करने के लिए सुरक्षा बलों ने OGW के नेटवर्क पर कड़ी कार्रवाई की है।'ऑपरेशन ऑल आउट' जैसे अभियानों में OGW को टारगेट कर बड़े स्तर पर गिरफ्तार किया गया है।
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पहलगाम हमले के डिजिटल फुटप्रिंट
जांच एजेंसियों के हाथ पहलगाम हमले के डिजिटल फुटप्रिंट लगे हैं। ये जेहादी हमले से पहले और हमले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक्टिव थे। जांच में सामने आया है कि सिक्योर्ड एप्लिकेशन सिंगल पर एक ग्रुप ‘Resistance Time’ एक्टिव था। इस ग्रुप में 146 से अधिक पाकिस्तान के जेहादी सोच वाले सदस्य मौजूद थे। इस ग्रुप में जैश नाम से कई भड़काऊ पोस्ट किए गए थे।
जांच एजेंसियों को शक कि इस ग्रुप में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर शामिल थे। ग्रुप में 24 अप्रैल यानी आतंकी हमले के दूसरे दिन जैश नाम के एक शख्स ने 'I Need Gun' लिखा था और घाटी में हथियार के लिए डीलर की जानकारी मांग रहा था। इस ग्रुप में OGW को कोडवर्ड में अलर्ट रहने को कहा गया है (Aise logo ka khayal rakhe…) इस ग्रुप में पहलगाम आतंकी हमले का वीडियो पोस्ट किया गया साथ ही RSS को टारगेट किया गया।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 30 April 2025 at 16:59 IST