अपडेटेड 27 June 2024 at 10:40 IST

अब राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में... जान लीजिए इस पद की ताकत कितनी है और कर्तव्य क्या हैं?

राहुल गांधी को कई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निभानी हैं, जिन्होंने 18वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभाला है। ये पद कैबिनेट मंत्री के पद के बराबर है।

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Lok Sabha leader of opposition Rahul Gandhi
लोकसभा में राहुल गांधी नेता विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। | Image: PTI

देश की संसद में सरकार की ताकत जिनती होती है, उसके ठीक सामने बैठे विपक्ष की भी अहमियत होती है। सदन के अंदर विपक्ष की मजबूती जरूरी होती है, लेकिन समझना होगा कि बड़ी शक्ति के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है। ऐसे ही कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी को कई भूमिकाएं और जिम्मेदारियां निभानी हैं, जिन्होंने 18वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) का पद संभाला है। ये पद कैबिनेट मंत्री के पद के बराबर है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद 10 साल बाद लोकसभा को विपक्ष का नेता मिला है।

सदन के भीतर विपक्ष के नेता की भूमिका वास्तव में बहुत चुनौतीपूर्ण है। वो इसलिए कि उन्हें सरकार की विधायिका और जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करनी होती है। सरकार के प्रस्तावों और नीतियों के विकल्प पेश करने होते हैं। खैर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपनी जिम्मेदारी किस तरह निभाते हैं, ये उन पर निर्भर करता है। हालांकि यहां समझने वाली बात एक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी और उसके कर्तव्यों की है।

नेता विपक्ष पद के बारे में

विपक्ष के नेता की स्थिति को आधिकारिक तौर पर संसद में विपक्षी नेता के वेतन और भत्ते अधिनियम-1977 में बताया गया है। अधिनियम में विपक्षी नेता का 'राज्यों की परिषद या लोकसभा का सदस्य' के रूप में जिक्र है, जो उस समय सरकार के विरोध में सबसे अधिक संख्या वाले दल का उस सदन में नेता होता है और उसे राज्य परिषद के अध्यक्ष या लोकसभा अध्यक्ष भी मान्यता देते हैं।

विपक्ष का नेता अध्यक्ष के बाईं ओर पहली पंक्ति में बैठता है और उसे औपचारिक मौकों पर कुछ विशेषाधिकार मिले होते हैं, निर्वाचित अध्यक्ष को मंच तक ले जाना भी शामिल है। विपक्ष का नेता संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी अगली पंक्ति में सीट पाने का हकदार होता है। विपक्ष के नेता का मुख्य कर्तव्य सदन में विपक्ष की आवाज बनना है। सदन के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने में नेता विपक्ष की सक्रिय भूमिका सरकार की भूमिका जितनी ही महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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नेता विपक्ष की व्यावहारिक भूमिका और जिम्मेदारी?

सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि विपक्ष का नेता सीबीआई के निदेशक, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और मुख्य सूचना आयुक्त, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों और लोकपाल जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समितियों में विपक्ष का प्रतिनिधि होता है। वरीयता क्रम में लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के साथ 7वें नंबर पर आते हैं।

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नेता प्रतिपक्ष को क्या सुविधाएं मिलती हैं?

सदन में नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलता है। उन्हें संसद भवन में एक कार्यालय और कर्मचारी मिलते हैं। विपक्ष के नेता को वेतन मिलता है और संसद में विपक्ष के नेताओं के वेतन और भत्ते अधिनियम, 1977 के तहत उसे कई सुविधाएं और सुख-सुविधाएं मिलती हैं।

नेता विपक्ष राहुल गांधी परिवार के तीसरे

फिलहाल कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा के अंदर नेता विपक्ष की भूमिका निभानी है। हालांकि बताते चलें कि राहुल गांधी से पहले गांधी परिवार के दो और सदस्य इस महत्वपूर्ण पद पर बैठ चुके हैं। राहुल गांधी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1989-90 में विपक्ष के नेता थे, जब वीपी सिंह सरकार सत्ता में थी। उनकी मां और पूर्व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी 1999-2004 तक इस पद पर रहीं, जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार सत्ता में थी। 54 वर्षीय राहुल नेता विपक्ष बनने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य हैं।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 27 June 2024 at 10:40 IST