अपडेटेड 6 March 2024 at 21:47 IST
क्या है फर्जी TRP केस? जिसमें रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को किया गया था टारगेट, अब कोर्ट ने बताया फेक
Republic Wins TRP Case : अदालत ने मुंबई पुलिस की अर्जी को स्वीकार करते हुए फर्जी TRP मामले को वापस लेने की अनुमति दी है। रिपब्लिक नेटवर्क की यह बड़ी जीत है।
- भारत
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Republic Wins TRP Case : रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पर लगाए गए टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (TRP) केस को कोर्ट ने पूरी तरह से फेक बताया है। अदालत ने बुधवार को मुंबई पुलिस की अर्जी को स्वीकार करते हुए फर्जी TRP मामले को वापस लेने की अनुमति दे दी है। इस मामले में कुछ टीवी चैनलों पर फर्जीवाड़ा कर अपने दर्शकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप था।
एस्पलेनैड अदालत के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष दाखिल अर्जी में अभियोजन पक्ष ने कहा कि मामले को आगे ले जाने के लिए कोई पीड़ित सामने नहीं आया और पुलिस मानती है कि इसमें दोषसिद्धि नहीं हो पाया। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) द्वारा अक्टूबर 2020 में की गई शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा दर्ज मामले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को भी आरोपी बनाया था।
कोर्ट में क्या दलील दी गई?
विशेष लोक अभियोजक (Special Public Prosecutor) शिशिर हीरे ने बहस के दौरान कहा कि जांचकर्ताओं को उम्मीद थी कि कथित टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) में छेड़छाड़ के पीड़ित सामने आएंगे, लेकिन खुद को ठगा महसूस करने वाला एक भी व्यक्ति नहीं आया। गवाहों ने विरोधाभासी बयान दिए।
इसपर अभियोजन पक्ष ने कहा, 'इसको देखते हुए, अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए हम महसूस करते हैं कि मामला दोषसिद्धि तक नहीं जाएगा और यह केवल न्यायपालिका के समय और सरकार की कोशिश की बर्बादी होगी।'
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क्या था आरोप?
बतादें, BARC ने अक्टूबर, 2020 में शिकायत दर्ज की और आरोप लगाया कि कुछ टेलीविजन चैनल ने TRP के आंकड़ों में छेड़छाड़ की है। पुलिस द्वारा दायर एक आरोप पत्र में आरोप लगाया गया कि अर्नब गोस्वामी ने सह-अभियुक्त और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के साथ मिलकर TRP के साथ छेड़छाड़ की है। खास बात ये है कि साढ़े तीन साल में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ।
क्या बोले अर्नब गोस्वामी?
कोर्ट में मिली जीत को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने सच और रिपब्लिक मीडिया के करोड़ों दर्शकों की जीत बताया। कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने कहा- ‘मीडिया इंडस्ट्री सहित हर कोई जानता था कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पर लगा यह आरोप झूठा और बेबुनियाद है। किसी को भी इस पर जरा भी संदेह नहीं था। किसी ने भी इस मामले के मनगढ़ंत दावों पर विश्वास नहीं किया। आज कोर्ट ने भी करोड़ों दर्शकों के भरोसे पर अपने मुहर लगा दी। झूठ कभी नहीं जीतता, मनगढ़ंत बातें और साजिशें कभी जीत नहीं सकती। अंत में कड़ी मेहनत, इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प की जीत होती है। मेरे साथ मेरी टीम का विश्वास था और उससे भी अधिक सर्वशक्तिमान भगवान मेरे साथ थे।’
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 6 March 2024 at 21:47 IST