अपडेटेड 24 May 2025 at 13:51 IST
e-Zero FIR क्या है? साइबर अपराध में कब इसकी जरूरत और कैसे करती है काम, क्या झट से मिल जाएगा गंवाया हुआ पैसा
आसान शब्दों में कहें तो सरकार ने E Zero FIR की शुरुआत की है, जिसमें 10 लाख से अधिक के नुकसान से जुड़ी शिकायतें ऑटोमैटिक रूप से दिल्ली की ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो FIR के रूप में दर्ज होंगी।
- भारत
- 3 min read

e-Zero FIR: इसमें कोई दोराय नहीं है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एक साइबर-सुरक्षित भारत बनाने के लिए साइबर सुरक्षा ग्रिड को मजबूत कर रही है। इसी दिशा में सरकार ने हाल ही में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया। एक ऐसा सिस्टम लॉन्च लाया गया है, जिससे सिर्फ जांच में ही तेजी नहीं आएगी, बल्कि साइबर अपराधियों पर सख्ती हो सकेगी। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर ये सिर्फ दिल्ली के लिए आया है, लेकिन जल्द ही इसका विस्तार पूरे देश में किए जाने की तैयारी है।
आसान शब्दों में कहें तो सरकार ने E Zero FIR की शुरुआत की है, जिसमें 10 लाख से अधिक के नुकसान से जुड़ी शिकायतें ऑटोमैटिक रूप से दिल्ली की ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो FIR के रूप में दर्ज होंगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, अमित शाह ने इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) की हाल की समीक्षा बैठक की, जिसमें साइबर फाइनेंशियल क्राइम के पीड़ितों को गंवाए हुए पैसे को वापस हासिल करने में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए पहल को लागू करने के निर्देश दिए गए थे।
कैसे काम करेगी e-Zero FIR?
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पहले से साइबर फाइनेंशियल क्राइम के लिए काम कर रहे हैं। यहां लोग अपनी शिकायतें दर्ज करवाते हैं और फिर एक्शन होता है। हालांकि शुरू की गई नई प्रक्रिया में I4C के NCRP सिस्टम, दिल्ली पुलिस के e-FIR सिस्टम और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) को एक दूसरे से कनेक्ट किया जा रहा है।
इससे NCRP और हेल्पलाइन 1930 पर 10 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय हानि से जुड़ी शिकायतें अपने आप से जीरो FIR के रूप में दर्ज हो जाएंगी। इसके बाद इसे इसे तुरंत घटनास्थल के नजदीकी साइबर थाने में भेज दिया जाएगा। शिकायतकर्ता 3 दिनों के भीतर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में जाकर जीरो FIR को नियमित FIR में बदल सकते हैं।
Advertisement
e-Zero FIR से क्या बदल जाएगा?
गृह मंत्रालय के मुताबिक, ये सिस्टम NCRP/1930 शिकायतों को FIR में बदलने की प्रक्रिया में सुधार करेगा, जिससे पीड़ितों के गंवाए हुए धन की आसान वसूली होगी और साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को सुगम बनाया जाएगा। इसमें हाल ही में लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों का लाभ उठाया गया है। दिल्ली के e-Crime पुलिस स्टेशन को NCRP पर दर्ज साइबर क्राइम शिकायतों के लिए e-FIR दर्ज करने और उन्हें घटनास्थल के नजदीकी साइबर थाने में ट्रांसफर करने के लिए अधिसूचित किया गया है।
Advertisement
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 24 May 2025 at 13:51 IST