अपडेटेड 18 May 2025 at 13:54 IST

क्या करती हैं आर्मी कर्नल सोफिया कुरैशी की जुड़वा बहन शायना? गुजरात में तिरंगा यात्रा के बाद और भी चर्चा

कर्नल सोफिया कुरैशी की जुड़वां बहन शायना सुनसारा ने शनिवार को गुजरात में ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित तिरंगा यात्रा में हिस्सा लिया। सोफिया कुरैशी का परिवार पहले से ही सेना के साथ जुड़ा रहा है। कर्नल सोफिया कुरैशी सैन्य साहस का चेहरा हैं तो जुड़वा बहन शायना सुनसारा के तेवर भी वैसे ही हैं।

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Col Sofiya Qureshi twin sister Shayna Sunsara
कर्नल सोफिया कुरैशी और जुड़वा बहन शायना सुनसारा | Image: ANI/Insta

Col Sofiya Qureshi twin sister Shayna Sunsara: ऑपरेशन सिंदूर पर लगातार प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी की हाल ही में राष्ट्रीय उपस्थिति ने उन्हें देश में पहचान दिलाई। पूरे देश में उनकी प्रशंसा की गई, क्योंकि वो देश की बेटी हैं जिस पर देश को गर्व है। पूरी दिलेरी और बेबाक अंदाज में सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान की पोल खोली। बारी-बारी से पाकिस्तान में तबाह किए गए आतंकी ठिकानों के बारे में पूरे देश को बताया। इसको लेकर सोफिया कुरैशी पर सारे हिंदुस्तानियों ने गर्व किया। सोफिया कुरैशी की तरह अब इन दिनों उनकी जुड़वा बहन शायना सुनसारा चर्चा में हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में तिरंगा यात्राएं निकाल रही हैं।

कर्नल सोफिया कुरैशी की जुड़वां बहन शायना सुनसारा ने शनिवार को गुजरात में ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित तिरंगा यात्रा में हिस्सा लिया। वो कहती हैं, 'पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार की ओर से आतंकवाद के खिलाफ उठाया गया कदम सराहनीय है। हमारी रक्षा प्रणाली मजबूत है और पूरी दुनिया में पहचानी जाती है। हमारे सशस्त्र बलों की वीरता ऐसी है कि एक बार उन्हें निर्देश दिए जाने के बाद वे अपना काम पूरा करके ही रुकते हैं।'

कौन हैं शायना सुनसारा और क्या करती हैं?

सोफिया कुरैशी का परिवार पहले से ही सेना के साथ जुड़ा रहा है। कर्नल सोफिया कुरैशी सैन्य साहस का चेहरा हैं तो जुड़वा बहन शायना सुनसारा के तेवर भी वैसे ही हैं। शायना सुनसारा सिर्फ एक सम्मानित सेना अधिकारी की जुड़वां बहन नहीं हैं, बल्कि वो खुद एक पूर्व आर्मी कैडेट हैं और राष्ट्रीय स्तर की राइफल शूटर हैं। उनके नाम पर कई पुरस्कार भी हैं। उन्हें मिस गुजरात, उसके बाद मिसेज इंडिया अर्थ 2017 और फिर मिस यूनाइटेड नेशंस 2018 का खिताब मिला।

उन्हें 2018 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिससे उनकी उपलब्धियों की सूची में और इजाफा हुआ। लेकिन शायना की असली पहचान उनकी सक्रियता है। गुजरात में एक लाख पेड़ लगाने की पहल ने सायना को खूब प्रशंसा दिलाई। शायना ने कई भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें पूर्व आर्मी कैडेट और राइफल शूटिंग में स्वर्ण पदक विजेता के अलावा वो अर्थशास्त्री, पर्यावरणविद और फैशन डिजाइनर भी हैं।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 18 May 2025 at 13:54 IST