अपडेटेड 1 January 2025 at 10:55 IST
West Bengal: बांग्लादेशी घुसपैठिया लवली खातून बनी पंचायत की प्रधान, सवालों के घेरे में TMC; भड़की BJP
आरोप लगाने वालों का दावा है कि उनके पिता का असली नाम जमील बिस्वास है। इसके अलावा लवली खातून का राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रार में भी कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।
- भारत
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पश्चिम बंगाल में लगातार बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला सुनने में आता रहा है और कई घुसपैठियों के बंगाल में भारतीय नागरिकता लेकर रहने का दावा भी किया जा रहा है। मीडिया में आईं रिपोर्ट्स के मुताबिक ताजा मामला मालदा के रशीदाबाद गांव का है जहां की पंचायत मुखिया लवली खातून पर भी बांग्लादेश की घुसपैठिया होने का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है। लवली खातून टीएमसी नेता हैं और रशीदाबाद ग्राम पंचायत की मुखिया हैं। दावा किया जा रहा है कि वो बांग्लादेश की रहने वाली हैं और उनका असली नाम नसिया शेख है। लवली पर आरोप है कि वो पड़ोसी देश बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में आईं हैं और फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत की नागरिकता हासिल कर पंचायत चुनाव लड़ी और प्रधान बनी हैं।
लवली खातून पर लगे आरोपों ने पूरे पश्चिम बंगाल की सियासत में खलबली मचा दी है। भारत में बने दस्तावेजों के मुताबिक उनका वोटर आईडी कार्ड 2015 में बना था और उनका जन्म प्रमाणपत्र सन 2018 में जारी किया गया है। इन दस्तावेजों में उनके पिता का नाम शेख मुस्तफा दर्ज किया गया है। जबकि आरोप लगाने वालों का दावा है कि उनके पिता का असली नाम जमील बिस्वास है। इसके अलावा लवली खातून का राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रार में भी कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। लवली के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में चंचल की रहने वाली रेहाना सुल्तान ने मुकदमा पंजीकृत करवाया है। रेहाना ने साल 2022 में लवली के खिलाफ पंचायत का चुनाव लड़ा था और वो हार गईं थीं।
ऐसे हुआ लवली के बांग्लादेशी होने का खुलासा!
बांग्लादेशी महिला की घुसपैठ का खुलासा तब हुआ जब लवली के खिलाफ पंचायत चुनाव में शिकस्त खाने वाली उम्मीदवार रेहाना सुल्तान ने कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला दर्ज करवाया। उनकी वकील अमलान भादुड़ी ने कोर्ट में पेश किए गए सबूतों के आधार पर बताया कि लवली खातून उर्फ नसिया शेख बांग्लादेश की रहने वाली महिला है और वो बिना दस्तावेजों के ही भारत में घुसपैठ कर आ गई है और यहां पर फर्जी दस्तावेजों की मदद से यहां की नागरिकता हासिल कर ली है। इतना ही नहीं लवली का ओबीसी सर्टिफिकेट भी फर्जी है। कोर्ट ने चांचल के एसडीओ से रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था लेकिन मामले के 6 महीने के बाद भी इसपर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
गवाह का दावा, फर्जी दस्तावेज और जाली हस्ताक्षर से हुआ खेल
रशीदाबाद ग्राम पंचायत के लोगों के कई लोगों ने लवली खातून के खिलाफ बयान दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रियाज आलम नाम के एक शख्स ने अपनी गवाही में इस बात को माना है कि लवली खातून उर्फ नसिया उनके गांव की निवासी नहीं है। इस गवाह ने ये भी बताया कि लवली के दस्तावेजों में शेख मुस्तफा नाम के शख्स को उनका पिता बताया गया है जबकि पूरे गांव को इस बात की जानकारी है कि लवली मुस्तफा की बेटी नहीं है इतना ही नहीं जब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में चेक किया गया तो वहां भी मुस्तफा की लवली नाम की बेटी का कोई जिक्र नहीं है। इस गवाह ने ये भी बताया कि पंचायत में दस्तावेजों में हेराफेरी की गई है और फर्जी हस्ताक्षर का प्रयोग भी किया गया है।
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इस मामले पर अब TMC और ममता पर सवाल खड़े हो रहे हैं
रशीदाबाद ग्राम पंचायत की प्रधान लवली खातून का बांग्लादेशी होने का दावा सूबे की मुखिया ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की साख पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। इस मामले में राज्य की सत्ताधारी पार्टी टीएसी पर आरोप है कि उसने नसिया को राजनीतिक संरक्षण दिया हुआ है यही वजह है कि वो ग्राम पंचायत का चुनाव जीतकर ग्राम प्रधान बन गई। वहीं लवली ने इन आरोपों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है जब मीडिया ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन काट दिया था। इस मामले में 6 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई इस बात को लेकर लोकल जनता और विपक्षी दलों के नेता एक्शन लेने की बात कह रहे हैं।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 1 January 2025 at 10:35 IST