अपडेटेड 2 April 2025 at 23:45 IST

क्या है ये वक्फ बोर्ड, जिसे लेकर हो रहा इतना हंगामा? कुछ हदीसों से जुड़ा मिलता है वक्फ का इतिहास

ये सच है कि हर मुस्लिम देश में वक्फ की संपत्तियां नहीं हैं, लेकिन भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ होल्डिंग है। वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है

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Waqf Amendment Bill 2025 What is Waqf Board, who are Waqf Board members
वक्फ बोर्ड क्या है? | Image: Republic

Waqf Amendment Bill 2025 : वक्फ बोर्ड में सुधार और वक्फ संपत्तियों के रख-रखाव में पारदर्शिता की वकालत करते हुए वक्फ संशोधन बिल बुधवार को लोकसभा में पेश हो गया है। विपक्ष बार-बार दावा कर रहा है कि इससे मुस्लिमों की संपत्ति छिन ली जाएगी,  केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने विपक्ष का फैलाया भ्रमजाल तोड़ते हुए सदन को बताया कि किसी भी मस्जिद के प्रबंधन में दखल नहीं दिया जा रहा है। ये बिल किसी धर्म के विरोध में नहीं है, ये सिर्फ संपत्ति का मामला है। धार्मिक संस्थानों से इस बिल का कोई लेना देना नहीं है।

लोकसभा में पेश हुए इस संशोधित बिल को नरेंद्र मोदी कैबिनेट से 19 फरवरी, 2025 को मंजूरी मिल चुकी है। संशोधन को लेकर सदन से लेकर देश भर में उबाल मचा हुआ है। वक्फ बोर्ड को लेकर कई सवाल भी लोगों के मन में चल रहे हैं। जैसे वक्फ बोर्ड क्या है? इसका इतिहास क्या है? वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है? आइए जानते हैं वक्फ से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब।

वक्फ संशोधन बिल की टाइम लाइन

  • 8 अगस्त, 2024- वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश हुआ
  • 9 अगस्त, 2024- वक्फ संशोधन बिल JPC में भेजा गया
  • 22 अगस्त, 2024- 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक हुई
  • 27 जनवरी,  2025- वक्फ बिल पर JPC की आखिरी बैठक
  • 29 जनवरी,  2025- ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को JPC ने मंजूरी दी
  • 30 जनवरी, 2025- लोकसभा स्पीकर को JPC रिपोर्ट सौंपी गई
  • 19 फरवरी, 2025- कैबिनेट ने वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी दी
  • 2 अप्रैल, 2025- लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश हुआ

वक्फ बोर्ड क्या है?

'वक्फ' अरबी भाषा के 'वकुफा' शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ठहरना। वक्फ का मतलब, दरअसल उन संपत्तियों से है जो इस्लामी कानून के तहत विशेष रूप से धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित हैं। इस्लाम में वक्फ उस जायदाद को कहते हैं, जो इस्लाम को मानने वाले लोग समाज कल्याण के लिए दान करते हैं। ये चल-अचल दोनों तरह की हो सकती है। ताकि उसका उपयोग समाज के कल्याण के लिए हो सके। वक्फ बोर्ड का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन, उनकी सुरक्षा और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आय का उपयोग मस्जिदों, मदरसों, अनाथालयों, अस्पतालों या गरीबों की मदद के लिए किया जाए।

वक्फ बोर्ड का इतिहास

वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है। दुनिया में वक्फ की शुरुआत मदीने से हुई। मदीने में 600 खूजर के पेड़ वाले बाग से वक्फ की शुरुआत मानी जाती है, लेकिन हिंदुस्तान में वक्फ की शुरुआत दिल्ली सल्तनत से मानी जाती है। जब मुइज़ुद्दीन सैम गौर ने पहली बार मुल्तान की जामा मस्जिद के लिए दो गांव समर्पित किए थे। 19वीं सदी के आखिर में भारत में वक्फ को खत्म करने का मामला तब उठाया गया था, जब ब्रिटिश राज के दिनों में वक्फ संपत्ति को लेकर एक विवाद लंदन की प्रिवी काउंसिल में पहुंचा था। तब ब्रिटिश जजों ने वक्फ को अमान्य घोषित कर दिया था।

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1913 के मुसलमान वक्फ वैधीकरण अधिनियम ने भारत में वक्फ संस्था को बचा लिया। आजाद भारत में 1954 वक्फ के केंद्रीकरण की बात की गई और 1964 में केंद्र ने सेंट्रल वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया की स्थापना की थी। 1995 तक वक्फ बिल में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन 1995 में वक्फ बोर्ड को सिविल कोर्ट की तरह काम करने की आजादी दे दी गई। 2013 में वक्फ की संपत्ति के लिए सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति की जाने लगी। मंत्रालय को मिल रही लगातार शिकायतों और सच्चर कमेटी की फाइंडिंग के बाद से 2024 में नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ बिल में संशोधन लेकर आई। माना जा रहा है कि इस बदलाव के बाद देश में इतिहास का नया अध्याय लिखा जाएगा।

वक्फ बोर्ड में कौन-कौन ?

वक्फ संशोधन बिल उजाले की नई किरण है। बिल में किए नए बदलाव अब नए वक्फ की दिशा तय करेंगे। सेंट्रल वक्फ काउंसिल में 22 सदस्य होंगे। जिसमें सिर्फ 4 गैर मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं। कानून मंत्री बोर्ड के चेयरमैन होंगे और 3 सांसद किसी भी धर्म के होंगे। बोर्ड में 10 सदस्य मुस्लिम समुदाय से होंगे, जिसमें 2 महिलाओं का होना अनिवार्य है। वक्फ बोर्ड में-

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  • 1 वरिष्ठ वकील
  • 1 सदस्य बार काउंसिल
  • 4 बड़ी हस्तियां
  • सचिव स्तर के केंद्रीय अधिकारी
  • 2 पूर्व जज (SC-HC से होंगे)
  • 2 प्रोफेशनल्स
  • शिया-सुन्नी दोनों रहेंगे
  • बोहरा और आगाखानियों को जगह
  • वक्फ बोर्ड में पिछड़े मुसलमान भी रहेंगे

वक्‍फ बोर्ड के पास कितनी प्रॉपर्टी?

ये सच है कि दुनिया के हर मुस्लिम देश में वक्फ की संपत्तियां नहीं हैं, लेकिन भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ होल्डिंग है। बिल की उपयोगिता पर जवाब देते हुए बुधवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने ये कहा कि बिल सच्ची और सही मंशा से लाया गया है। सच्चर कमेटि की रिपोर्ट बताती है कि जिन वक्त की संपत्तियों से 12 हजार करोड़ का रेवेन्यू जनरेट होना चाहिए, उससे केवल 163 करोड़ रेवेन्यू जनरेट हो रहा था।

भारत में वक्‍फ के पास सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्‍यादा जमीन है। 2009 तक, 4 लाख एकड़ में फैली 300,000 पंजीकृत वक्फ संपत्तियां थीं। पिछले 15 साल में यह दोगुनी हो गई हैं। वर्तमान में वक्फ बोर्डों के पास करीब 9 लाख 40 हजार एकड़ में फैली करीब 8 लाख 72 हजार 321 अचल संपत्तियां हैं और 16,713 चल संपत्ति हैं। जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये बताई जाती है। ये संपत्तियां अलग-अलग राज्य वक्फ बोर्डों नियंत्रित की जाती हैं और इनका विवरण वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) पोर्टल पर दर्ज किया गया है। यूपी में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति है। जिसमें सुन्नी बोर्ड के पास 2 लाख 10 हजार 239 और शिया वक्फ बोर्ड के पास 15 हजार 386 संपत्तियां हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 2 April 2025 at 20:01 IST