अपडेटेड 2 April 2025 at 14:31 IST

Waqf Amendment Bill 2024 : वक्फ बिल गरीब मुसलमानों के हित में, विपक्ष कर रहा राजनीति- रामदास अठावले

लोकसभा में पेश वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यह बिल आम मुसलमानों के फायदे के लिए लाया गया है।

Follow : Google News Icon  
 Ramdas Athawale
रामदास आठवले | Image: PTI

Waqf Amendment Bill 2024 : लोकसभा में पेश वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यह बिल आम मुसलमानों के फायदे के लिए लाया गया है, लेकिन विपक्ष इसे लेकर राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का लाभ अब केवल कुछ लोगों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि गरीब मुसलमानों को भी इसका सीधा फायदा मिलेगा। सरकार का मकसद किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि पारदर्शिता लाना है। 

बता दें लोकसभा में सोमवार दोपहर वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू प्रश्नकाल के बाद दोपहर इसे सदन में चर्चा के लिए पेश किया। स्पीकर ओम बिरला ने बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय किया है। इसमें से NDA को 4 घंटे 40 मिनट दिए गए हैं, बाकी वक्त विपक्ष को मिला है।

2006 में 4.9 लाख वक्फ प्रॉपर्टी थी-किरेन रिजिजू

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि, 'देश में इतनी वक्फ प्रॉपर्टी है तो इसे बेकार में पड़ा नहीं रहने देंगे। गरीब मुसलमानों और बाकी मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल किया ही जाना चाहिए। हमने रिकॉर्ड देखा है। सच्चर कमेटी ने भी इसका डिटेल में जिक्र किया है। 2006 में 4.9 लाख वक्फ प्रॉपर्टी थी। इनकी टोटल इनकम 163 करोड़ इनकम थी। 2013 में बदलाव करने के बाद जो इनकम बढ़कर 166 करोड़ हुई। 10 साल के बाद भी 3 करोड़ बढ़ी थी। हम इसे मंजूर नहीं कर सकते।'

वक्फ बोर्ड तो संसद भवन भी ले लेता...- किरेन रिजिजू

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- 'दिल्ली में 1970 से चल रहा एक मामला CGO कॉम्प्लेक्स और संसद भवन समेत कई संपत्तियों से जुड़ा है। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों को वक्फ संपत्ति बताया था। मामला कोर्ट में था, लेकिन उस समय UPA सरकार ने 123 संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था। अगर हमने आज यह संशोधन पेश नहीं किया होता, तो हम जिस संसद भवन में बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो कई संपत्तियां गैर-अधिसूचित हो चुकी होतीं।'

Advertisement

इतनी याचिकाएं किसी बिल पर नहीं आईं- किरेन रिजिजू

किरेन रिजिजू ने कहा कि इससे ज्यादा संख्या में आजतक किसी भी बिल पर लोगों की याचिकाएं नहीं आईं। 284 डेलिगेशन ने अलग-अलग कमेटी के सामने अपनी बात रखी है। 25 राज्यों के वक्फ बोर्ड ने अपना पक्ष रखा. पॉलिसी मेकर्स, विद्वानों ने भी अपनी बात कमेटी के सामने रखी हैं। इस बिल का पॉजिटिव सोच के साथ विरोध करने वाले भी समर्थन करेंगे। यह प्रस्ताव खुले मन से पॉजिटिव नोट के सामने पेश कर रहा हूं। किसी ने असंवैधानिक बताया तो किसी ने नियमविरुद्ध।' 

रिजिजू ने कहा- 'जब पहली बार ये प्रस्ताव सदन में पेश किया गया था 1913 में, उसके बाद जब दोबारा एक्ट पास किया गया था। 1930 में एक्ट लाया गया था। आजादी के बाद 1954 में वक्फ एक्ट पहली बार आजाद भारत का एक्ट बना और उसी में राज्य के बोर्ड का भी प्रावधान किया गया था। 1995 में व्यापक रूप से एक्ट बना। उस समय किसी ने इसे असंवैधानिक, नियमविरुद्ध नहीं कहा। आज हम जब ये बिल ला रहे तो ये बोलने का विचार कैसे आया। जिसका बिल में कोई लेना-देना नहीं है, उसे लेकर आपने लोगों को गुमराह करने का काम किया। 1995 में ट्रिब्यूनल का इंतजाम किया गया।

Advertisement

वक्फ बोर्ड ने आजतक कितनी गरीब बच्चियों की शादी करवाई

वक्फ बिल का कई मुस्लिम संगठन समर्थन भी कर रहे हैं। इन संगठनों का कहना है कि वक्फ बोर्ड ने आजतक मुसलमानों की तरक्की में क्या योगदान दिया? वक्फ बोर्ड ने आजतक कितनी गरीब बच्चियों की शादी करवाई। वक्फ बोर्ड ने आज तक कितने बे घरों को घर दिये। लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल (Waqf amendment bill) पेश किया गया है। जिसके बाद दिल्ली और भोपाल में कई छोटे-छोटे मुस्लिम संगठनों ने भी बिल के सपोर्ट में रैलियां निकाली।

यह भी पढ़ें :  Waqf Bill : 'अगर परिवर्तन स्वीकार ही नहीं तो फिर... हम कांग्रेस जैसे नहीं'; वक्फ संंशोधन बिल को लेकर ससंद में बोले अमित शाह

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 2 April 2025 at 14:31 IST