अपडेटेड 6 April 2025 at 00:11 IST

वक्फ संशोधन बिल को पर लगी अंतिम मुहर, राष्ट्रपति से मिल गई मंजूरी; विपक्ष कर रहा विरोध

Waqf Law: वक्फ संशोधन बिल अब कानून बन गया है। सदन के दोनों सदनों में पास होने के बाद वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है।

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Wakf Amendment Bill gets President's assent
वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी | Image: Republic

Waqf Law :  वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 अब कानून बन गया है। सदन के दोनों सदनों में पास होने के बाद वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल अब कानून बन गया है। लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर लंबी चर्चा हुई थी। 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद अब वक्फ बिल कानून बन गया है। लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। अगले दिन बिल को राज्यसभा में पेश किया गया। यहां भी लंबी और सार्थक चर्चा के बाद रात करीब 2:50 बजे बिल को पास कर दिया गया। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े।

क्या है वक्फ संशोधन बिल?

यह वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करने वाला विधेयक है। इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों को सख्त करना है।

क्या होंगे बड़े बदलाव?

सरकार ने वक्फ अधिनियम में कई संशोधन किए हैं, जिसके जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक और सुव्यवस्थित बनाए जाने की बात कही गई। वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में राज्य सरकार का नियंत्रण और भूमिका बनी रहेगी। कोई संपत्ति वक्फ की है या फिर नहीं, इसका फैसला करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर की रैंक से ऊपर के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है। वहीं व्यक्ति संपत्ति दान कर सकेगा, जो 5 सालों से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो। अगर दान की जाने वाली संपत्ति से जुड़ा कोई विवाद होगा तो ऐसी स्थिति में जांच के बाद ही आखिरी फैसला लिया जाएगा।

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वहीं, बिल में मौजूदा पुरानी मस्जिदों, दरगाह या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों से छेड़छाड़ नहीं करने की बात कही गई है। यानी कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा। सहयोगी दल JDU ने इस संशोधन की मांग की थी, जिसे स्वीकार किया गया है। वहीं, औकाफ यानी दान की सूची गजट में प्रकाशन के 90 दिनों के अंदर पोर्टल पर अपडेट करनी जरूरी होगी। साथ ही बिल के अनुसार महिलाओं और गैर मुस्लिम की भी वक्फ बोर्ड में एंट्री होगी। पदेन सदस्यों के साथ ही दो गैर मुस्लिम सदस्य भी इसमें होंगे। वहीं, बोर्ड में वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव पदेन सदस्य होंगे।

बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद अब वक्फ बिल कानून बन गया है। सरकार के पहली बार बिल पेश करने के साथ ही देश भर में इसका विरोध शुरू हो गया था। दोनों सदनों से पास होने के बाद बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की जा चुकी है। वक्फ संशोधन बिल संसद से पास होने के बाद पहली याचिका कांग्रेस सांसद ने लगाई थी। इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने भी सुप्रीम कोर्ट का पहुंच गए, आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन इन द मैटर्स ऑफ सिविल राइट्स ने भी याचिका दाखिल की है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 5 April 2025 at 23:34 IST