अपडेटेड 8 April 2025 at 19:35 IST

देशभर में लागू हुआ वक्फ संशोधन कानून, संसद से पास होने के बाद राष्ट्रपति ने लगाई थी मुहर

Waqf Law: देश में मंगलवार से वक्फ संशोधन एक्ट लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

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Wakf Amendment Act implemented in the country, Central Government issued notification
आज से वक्फ संशोधन कानून लागू | Image: Republic

Waqf Law : केंद्र सरकार ने गजट में वक्फ संशोधन कानून से जुड़ी अधिसूचना प्रकाशित करदी है। इसके साथ ही आज (8 अप्रैल) से देश में वक्फ संशोधन कानून लागू हो गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को लोकसभा और राज्यसभा के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने 6 अप्रैल को मंजूरी दी थी। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल अब कानून बन गया था और अब ये कानून आज से अमल में आ गया है।

लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर लंबी चर्चा हुई थी। लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। अगले दिन बिल को राज्यसभा में पेश किया गया। यहां भी लंबी और सार्थक चर्चा के बाद रात करीब 2:50 बजे बिल को पास कर दिया गया था। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े।

अब यूपी वक्फ बोर्ड में होगा संशोधन

मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 'वक्फ (संशोधन) अधिनियम (2025 का 14) की धारा 1 की उपधारा (2) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार 8 अप्रैल-2025 से इस अधिनियम के प्रावधान लागू करती है।' अब इसी एक्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार यूपी वक्फ बोर्ड में संशोधन करेगी। शासन ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह संपत्तियों का ब्योरा शासन को भेजें। यूपी सरकार ने कानून आने से पहले ही वक्फ संपत्तियों का सर्वे कराना शुरू कर दिया था।

कानून के खिलाफ 15 याचिकाएं

  1. कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद
  2. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी
  3. AAP विधायक अमानतुल्लाह खान
  4. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK)
  5. कांग्रेस सांसद इमरान प्रतपगढ़ी
  6. आरजेडी सांसद मनोज झा
  7. जेडीयू नेता परवेज सिद्दीकी
  8. एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स
  9. समस्त केरल जमीयतुल उलमा
  10. जमीयत उलेमा-ए-हिंद 
  11. AIMPLB
  12. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
  13. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया
  14. अंजुम कादरी
  15. तैय्यब खान सलमानी

क्या है वक्फ संशोधन कानून?

यह वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करने वाला कानून है। इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों को सख्त करना है।

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क्या होंगे बड़े बदलाव?

केंद्र नरेंद्र मोदी सरकार ने वक्फ अधिनियम में कई संशोधन किए हैं, जिसके जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक और सुव्यवस्थित बनाने का दावा है। वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों में राज्य सरकार का नियंत्रण और भूमिका बनी रहेगी। कोई संपत्ति वक्फ की है या फिर नहीं, इसका फैसला करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर की रैंक से ऊपर के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है। वो ही व्यक्ति संपत्ति दान कर सकेगा, जो 5 सालों से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो। अगर दान की जाने वाली संपत्ति से जुड़ा कोई विवाद होगा तो ऐसी स्थिति में जांच के बाद ही आखिरी फैसला लिया जाएगा।

वहीं, मौजूदा पुरानी मस्जिदों, दरगाह या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों से छेड़छाड़ नहीं करने की बात कही गई है। यानी कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा। सहयोगी दल JDU ने इस संशोधन की मांग की थी, जिसे स्वीकार किया गया है। वहीं, औकाफ यानी दान की सूची गजट में प्रकाशन के 90 दिनों के अंदर पोर्टल पर अपडेट करनी जरूरी होगी। साथ ही बिल के अनुसार महिलाओं और गैर मुस्लिम की भी वक्फ बोर्ड में एंट्री होगी। पदेन सदस्यों के साथ ही दो गैर मुस्लिम सदस्य भी इसमें होंगे। वहीं, बोर्ड में वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव पदेन सदस्य होंगे।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 8 April 2025 at 18:46 IST