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Published 14:21 IST, September 29th 2024

विक्रमादित्य सिंह ने की खरगे से मुलाकात, कांग्रेस की विचारधारा पर अडिग रहने का दिया आश्वासन

हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात कर उन्हें पार्टी की विचारधारा व सिद्धांतों पर अडिग रहने का आश्वासन दिया। पार्टी के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।

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vikramaditya singh
vikramaditya singh | Image: grab

हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात कर उन्हें पार्टी की विचारधारा व सिद्धांतों पर अडिग रहने का आश्वासन दिया। पार्टी के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।

कुछ दिन पहले सिंह के यह कहने पर विवाद पैदा हो गया था कि हिमाचल प्रदेश में रेहड़ी-पटरी वालों के लिए अपनी दुकानों पर पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। बाद में राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि सिंह ने खरगे से मुलाकात की और कांग्रेस की विचारधारा व सिद्धांतों के प्रति अपनी दृढ़ता से अवगत कराया।

सिंह ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने रेहड़ी-पटरी वालों के मुद्दे पर अपनी हालिया टिप्पणी के बाद विचारधारा को लेकर कांग्रेस आलाकमान की चिंताओं को दूर कर दिया है। उन्होंने इस बात को गलत बताया था कि उनके राज्य में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर फैसले लिए जा रहे हैं।

कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने रेहड़ी पटरी वाले बयान के लिए सिंह को फटकार लगाई थी, जिसके बाद उन्होंने शनिवार को सफाई दी थी। पार्टी आलाकमान ने कहा था कि किसी को भी पार्टी की नीतियों व विचारधाराओं के खिलाफ जाने की इजाजत नहीं है।

टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बीच कांग्रेस के महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को यहां सिंह से मुलाकात की और उनसे कहा कि पार्टी राहुल गांधी के मंत्र-नफरत को प्रेम से जीतने में विश्वास रखती है।

हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने कहा, ‘मैंने वेणुगोपाल जी को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया और विचारधारा को लेकर उनकी चिंताओं को दूर किया। उन्हें आश्वासन दिया कि हम पार्टी के समर्पित एवं वफादार सिपाही हैं तथा ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो पार्टी के रुख के खिलाफ हो।’ हिमाचल प्रदेश में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर फैसले लिए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि मीडिया में उनके बयान को गलत परिप्रेक्ष्य में पेश किया गया।

सिंह ने कहा, ‘‘ मीडिया ने इसे गलत तरीके से पेश किया। हाईकमान ने इसका संज्ञान लिया। आलाकमान इस बारे में चिंतित था और उसने यह चिंता व्यक्त भी की। हमने कांग्रेस आलाकमान के समक्ष तथ्य और आंकड़े पेश करके उसे आश्वस्त किया।'

पिछले बुधवार को सिंह ने पत्रकारों से कहा था कि रेहड़ी-पटरी वालों, विशेषकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए अपनी दुकानों पर पहचान पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा था कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के इसी तरह के निर्णय को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

सिंह की टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि उसने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है, जिसके तहत रेहड़ी-पटरी वालों के लिए अपनी दुकान पर नाम या अन्य पहचान प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया हो।

सिंह ने कहा था कि राज्य में प्रवासियों की बढ़ती संख्या के बारे में कई स्थानीय लोगों की 'आशंकाओं' को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस टिप्पणी के लिए उन्हें ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल कई नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा था। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा था कि उन्होंने इस मामले पर सिंह और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से चर्चा की है।

शुक्ला ने पिछले बृहस्पतिवार को जम्मू में पत्रकारों से कहा था, 'उन्हें लाइसेंस दिए जाएंगे और उनका नियमन किया जाएगा ताकि पुलिस उन्हें परेशान न करे। निर्दिष्ट स्थानों पर पहचान के लिए आधार कार्ड और लाइसेंस जैसी चीजों की आवश्यकता होगी, लेकिन उन्हें मालिक के रूप में अपना नाम सार्वजनिक करने के लिए बोर्ड लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।'

Updated 14:21 IST, September 29th 2024