अपडेटेड 21 March 2024 at 17:31 IST

सजा हो गई पूरी, फिर भी इस राज्य की जेल में बंद हैं 167 कैदी; हाईकोर्ट बोला- शुक्रवार तक करें रिहा

उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी ने हाल में कुछ जेलों का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने सजा पूरी कर चुके कैदियों की सूची मांगी थी।

Follow : Google News Icon  
167 prisoners will be released from jail in Uttarakhand
representative | Image: shutterstock

Uttarakhand News: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह शुक्रवार शाम तक अपनी सजा काट चुके सभी कैदियों को कारागारों से रिहा करे। जेल अधिकारियों द्वारा अदालत को मुहैया कराई गई सूची के मुताबिक ऐसे कैदियों की संख्या 167 है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने 14 साल से अधिक समय से राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों से संबंधित एक जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया।

मुख्य न्यायाधीश ने हाल में हल्द्वानी की जिला जेल और सितारगंज की संपूर्णानंद खुली जेल का दौरा किया था। मुख्य न्यायाधीश ने कैदियों के मानवाधिकारों को ध्यान में रखते हुए जेल प्रबंधन से ऐसे कैदियों की सूची मांगी थी जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं किंतु अभी तक जेल में बंद हैं। अधिकारियों ने ऐसे 167 कैदियों की सूची दी थी।

यह भी पढ़ें: दिल्ली के हाई सिक्योरिटी इलाके में बड़ी सुरक्षा चूक, एक जैसे नंबर वाली दो कारें मिलीं; मचा हड़कंप

'कैदियों को शुक्रवार शाम तक रिहा करें'

उच्च न्यायालय ने कहा, मुख्य सचिव मौजूदा कानूनों से अवगत हैं और उन्हें उनका पालन करना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सरकार के फैसले से शुक्रवार पूर्वाह्न 10:30 बजे तक सूचित किया जाए और ऐसे सभी कैदियों को शुक्रवार शाम तक रिहा कर दिया जाना चाहिए।

Advertisement

सुनवाई के दौरान नवनियुक्त गृह सचिव दिलीप जावलकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को निर्णय लेने के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए क्योंकि सरकारी मशीनरी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है। हालांकि, अदालत ने कहा कि किसी भी बहाने के लिए कोई स्थान नहीं है।

(PTI की इस खबर में सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया गया है)
 

Advertisement

Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 21 March 2024 at 17:31 IST