अपडेटेड 29 January 2025 at 09:57 IST
भीड़ कम होने पर अमृत स्नान करेंगे अखाड़े: महंत रवींद्र पुरी
Amrit Snan in Maha Kumbh 2025: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि महाकुंभ में भीड़ कम होने पर अमृत स्नान करेंगे।
- भारत
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Amrit Snan in Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं के उमड़ने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति बनने से कई लोगों के घायल होने की सूचना के बीच, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बुधवार को कहा कि अखाड़े भीड़ कम होने पर अमृत स्नान करेंगे।
इससे पहले, महाकुंभ में हुई इस घटना के मद्देनजर संतों ने मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान सुबह स्थगित कर दिया था।
बुधवार तड़के संगम पर अवरोधक टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई जिसमें कुछ लोग घायल हो गए और उनका इलाज मेला क्षेत्र में बने अस्पताल में जारी है।
महंत रवींद्र पुरी ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘हमने देखा है कि अब भीड़ कम हो रही है और मेला प्रशासन से भी हमारी बातचीत जारी है। अगर भीड़ कम होती है तो हम स्नान करना चाहेंगे। सुबह हमने स्नान टाल दिया था।’’
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इससे पूर्व, सुबह सभी संत-महात्माओं के लिए सिंहासन लगा था और नागा सन्यासियों सहित सभी संत स्नान के लिए तैयार थे लेकिन भगदड़ जैसी स्थिति के बारे में सुनकर अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान टालने का जनहित में निर्णय किया था।
इस बीच, स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम में स्नान का आग्रह छोड़कर निकटतम घाट पर स्नान करें व अपनी और एक-दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया।
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संगम में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के साथ स्नान करने के बाद योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा, ‘‘करोड़ों श्रद्धालुओं के इस हुजूम को देखते हुए हमने फिलहाल केवल सांकेतिक स्नान किया है। सभी से आग्रह है कि अनुशासन का पालन करते हुए सावधानीपूर्वक स्नान करें।’’
मथुरा से सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी ने भी संगम में स्नान किया।
कुंभ मेला की परंपरा के मुताबिक, संन्यासी एवं बैरागी अखाड़े भव्य जुलूस के साथ संगम तट पर पहुंचकर एक तय क्रम में अमृत स्नान करते हैं। इस क्रम में पहले स्थान पर पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अमृत स्नान करता है।
उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व मंगलवार को रात आठ बजे तक 4.83 करोड़ लोगों ने स्नान किया, जबकि इससे पूर्व मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 29 January 2025 at 09:57 IST