अपडेटेड 18 October 2025 at 16:12 IST
Banke Bihari Temple: बांके बिहारी मंदिर में 54 साल बाद खुलेगा 'ठाकुरजी' का खजाना; निकलेगा भारी मात्रा में सोना-चांदी, देशभर की टिकी नजर
वृंदावन के ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर का 54 साल बाद 'खजाना' (कमरा) सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आज खुल रहा है। इसमें 160 साल पुराने बेशकीमती जेवर, सोने के कलश और चांदी के सिक्के होने का अनुमान है। उच्च स्तरीय समिति की निगरानी में वीडियोग्राफी के साथ होगी पूरी प्रक्रिया।
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वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर के गर्भगृह के पास स्थित वह कमरा, जिसे 'खजाना' कहा जाता है, उसे आज खोला जा रहा है। करीब 54 साल बाद यह कमरा खुलने जा रहा है, जिसमें ठाकुरजी के 160 साल पुराने और बेशकीमती जेवर, सोने के कलश और चांदी के सिक्के रखे होने का अनुमान है। इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए भक्तों और प्रशासन की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित बांके बिहारी हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी ने 29 सितंबर को यह खजाना खोलने का निर्णय लिया था, जिसके बाद कमेटी के सचिव और मथुरा के डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने 17 अक्टूबर को इसे खोलने का आदेश जारी किया। खजाने को खोलने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वीडियोग्राफी के माध्यम से लोगों को दिखाई जाएगी, जैसा कि मथुरा प्रशासन ने स्पष्ट किया है।
उच्च स्तरीय समिति की निगरानी
इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। एडीएम, वित्त एवं राजस्व पंकज वर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट जस्टिस के आदेश पर यह तहखाना खोला जा रहा है। सिविल जज और जूनियर डिवीजन को इस काम के लिए अधिकृत किया गया है। उनकी उपस्थिति में इसे खोला जाएगा। समिति में सिविल जज, सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी, सीओ वृंदावन, सीओ सदर और चारों गोस्वामी सदस्य के तौर पर शामिल होंगे। किसी भी संभावित चुनौती से निपटने के लिए सीएमओ, सीएफओ और डीएफओ की टीमें भी मौके पर मौजूद रहेंगी।
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भक्तों की टिकी निगाहें
मंदिर के इस कमरे में सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात और अन्य कई कीमती ऐतिहासिक वस्तुएं होने की उम्मीद है। 54 साल बाद आज इस रहस्य से पर्दा उठेगा। हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि इस खजाने में क्या है और इसकी मौजूदा कीमत कितनी होगी। मंदिर प्रशासन ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। आज का दिन न केवल मंदिर के इतिहास के लिए, बल्कि करोड़ों भक्तों की आस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है।
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Published By : Subodh Gargya
पब्लिश्ड 18 October 2025 at 16:12 IST