अपडेटेड 18 December 2024 at 17:08 IST

EXCLUSIVE/ UP: 'घरों में आग लगाई, बहन बेटियों की इज्जत लूटी और...', संभल के दंगाइयों पर भड़कीं योगी की मंत्री

एक दिन दंगों के दौरान एक पिता-पुत्र अपनी साइकिल पर आ रहे थे इन दरिंदों ने उन दोनों को पकड़कर बहुत मारा और एक दिन बाद बोरे में उनके शव बरामद हुए।

Follow : Google News Icon  
sadhvi-geeta-pradhan
संभल के दंगाइयों पर भड़कीं योगी की मंत्री | Image: Republic Video Grab

संभल में 46 साल पुराना भस्म शिव मंदिर पुलिस प्रशासन ने बरामद कर लिया है इसको लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री साध्वी गीता प्रधान संभल मंदिर के दर्शन के लिए पहुंची। वहां उन्होंने पुलिस प्रशासन द्वारा बरामद किए गए मंदिर और कुओं के दर्शन भी किए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की और बताया कि ये बहुत ही हर्ष का विषय है कि 46 साल पुराने मंदिर को जो 1978 के दंगों के बाद से बंद पड़ा था और वहां फिर से पूजा अर्चना शुरू हो गई है। इस मंदिर पर वहां रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों ने अतिक्रमण फैला रखा था। पुलिस प्रशासन ने इस मंदिर को अब बरामद कर लिया है। अब एक बार फिर से इस मंदिर में पूजा अर्चना शुरू कर दी गई है। इस दौरान उन्होंने 1978 में हुए दंगे को लेकर दंगाइयों पर निशाना भी साधा।  


साध्वी गीता प्रधान ने 1978 दंगों के बाद इस मंदिर के बंद पड़े होने को लेकर वहां के मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए कहा, 'यह सुनकर दिल बहुत दुखी है कि हमारे भगवान शंकर और बजरंगबली जी को मुस्लिम समाज के लोगों ने लुप्त करने का काम किया, जबकि यहां इस क्षेत्र में हमारे हिन्दू समुदाय के लोग रहा करते थे। 46 सालों पहले हमारे हिन्दू समुदाय के लोगों के साथ जो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किया, उनके घरों को जला दिया। जिंदा लोगों को आग लगाकर जला दिया, बहन बेटियों की इज्जत लूट ली और हिन्दू समुदाय के लोगों को यहां से पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया। इन लोगों ने इतना अत्याचार और दुराचार यहां रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों के साथ किया कि मंदिर को लुप्त करके अपना घर बना लिया था।'


'योगी जी के प्रयासों और पुलिस प्रशासन की कोशिशों से मिला मंदिर'

योगी की मंत्री साध्वी गीता प्रधान इतने पर ही चुप नहीं हुईं। उन्होंने हमला जारी रखते हुए आगे कहा, 'यहां रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मंदिर के बाहर स्थापित भगवान की मूर्तियों को भी तोड़ने का काम किया, लेकिन योगी जी के प्रयासों और पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी के चलते 46 साल पुराना हमारा मंदिर हमें मिल गया है। हिन्दू समाज में खुशी की लहर है और पूरे देश में संभल में मंदिर पाए जाने की चर्चा हो रही है। अब आने वाले समय में न जाने कितने मंदिर और कितने और कूप संभल में मिलने वाले हैं। कंकड़ में शिव हैं यहां पर ये किसी से अब छिपा नहीं है। आज हम पूजा करने आए हैं यहां पर लोग पूजा अर्चना करने आ रहे हैं और मन बहुत प्रसन्न है।'


किसी को चीर कर फेंक दिया... - चश्मदीदों ने बताई संभल दंगों की दास्तां

संभल में हुए 1978 के दंगों के चश्मदीद रहे सुरेंद्र गौड़ ने रिपब्लिक भारत से बात चीत करते हुए बताया कि कैसे 1978 के दौरान संभल में प्रायोजित दंगे हुए थे और कैसे मुसलमानों ने हिन्दू परिवारों पर जुल्म ढाए थे। उन्होंने बताया कि यहां पर मुसलमानों की अच्छी खासी आबादी हो गई थी और हिन्दुओं के आने-जाने का रास्ता उनके मोहल्ले से होकर जाता था। एक दिन दंगों के दौरान एक पिता-पुत्र अपनी साइकिल पर आ रहे थे इन दरिंदों ने उन दोनों को पकड़कर बहुत मारा और एक दिन बाद बोरे में उनके शव बरामद हुए। एक घर में तो ट्रैक्टर घुसा दिया उसका गेट तोड़ते हुए ट्रैक्टर घर में जा घुसा और घरवालों पर दंगाइयों ने जुल्म ढाए। वहीं एक घटना तो बहुत ही हृदय विदारक थी जिसमें एक शख्स की टांगों की तरफ दो भागों में चीर कर रख दिया था। ऐसे माहौल में हिन्दू परिवार वहां से पलायन को मजबूर हो गए थे।

Advertisement


1978 में हुए दंगों की वजह से हिन्दू पलायन करने पर मजबूर हुए

चश्मदीद सुरेंद्र गौड़ ने आगे बताया कि मैं आज भी नाम बता सकता हूं कि यहां पर भरोसे लाल जी का परिवार रहता था। अब वो लोग दुर्गा कॉलोनी में जा बसे हैं। उनके भाई हरिशंकर अग्रवाल आज भी हैं। ऐसे ही कन्हैया रस्तोगी का परिवार यहां रहता था जो यहां से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के चलते पलायन कर गए। कोई भी शख्स यहां से गरीबी की वजह से घर बेचकर नहीं गया है। यहां शहर के संपन्न लोग रहते थे लेकिन हर किसी को यहां रहने वाले लोगों से अपनी और अपने परिवार की जान का खतरा दिखाई दे रहा था। इस वजह से लोगों ने यहां से पलायन किया था। 1978 में हुए दंगों में हिन्दू आबादी पलायन करने को मजबूर हो गई और जो बचे वो मौत के घाट उतार दिए गए।

यह भी पढ़ेंः EXCLUSIVE/ 'भग्गी पड़ गई, दंगा हो...', 1978 संभल दंगों को याद कर भावुक हुए दंपत्ति

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 18 December 2024 at 17:03 IST