अपडेटेड 14 February 2025 at 07:19 IST

UP : निजी कंपनी के लिए जमीन अधिग्रहण मामले की 4 मार्च को अगली सुनवाई

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मोहनलालगंज के मस्तेमऊ औक बक्कास गांवों में ‘इंटीग्रेटेड टाउनशिप’ विकसित करने के उद्देश्य से ‘मेसर्स अमरावती रेजीडेंसी प्राइवेट लिमिटेड’ के लिए जमीन अधिग्रहीत करने के मामले पर संज्ञान लेते हुए अगली सुनवाई चार मार्च के लिए निर्धारित कर दी

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कोर्ट | Image: Freepik

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मोहनलालगंज के मस्तेमऊ औक बक्कास गांवों में ‘इंटीग्रेटेड टाउनशिप’ विकसित करने के उद्देश्य से ‘मेसर्स अमरावती रेजीडेंसी प्राइवेट लिमिटेड’ के लिए जमीन अधिग्रहीत करने के मामले पर संज्ञान लेते हुए अगली सुनवाई चार मार्च के लिए निर्धारित कर दी।

पीठ ने सरकार से पूछा कि प्राइवेट टाउनशिप विकसित करने के लिए जमीन का अधिग्रहण करना किस प्रकार से सार्वजनिक हित में है। न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने यह आदेश श्रीधर अवस्थी व अन्य की ओर से दाखिल एक रिट याचिका पर पारित किया।

याचिका में आरोप लगाया गया कि भूमि अधिग्रहण 2013 के तहत प्राइवेट कंपनियों के लिए सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया विधिसम्मत नहीं है। पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि क्या जिन जमीनों को निजी कम्पनी के लिए अधिग्रहीत किया जा रहा है उन पर आमजन के लिए घर, फ्लैट या प्लॉट विकसित किये जायेंगे और अगर ऐसा है तो क्या उनके आवंटन पर सरकार या लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का नियंत्रण होगा।

पीठ ने यह भी पूछा कि क्या उक्त टाउनशिप सरकार की किसी नीति के तहत बनायी जा रही है। लखनऊ के जिलाधिकारी ने उक्त गांव की 14 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर प्राइवेट टाउनशिप बनाने को लेकर भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना पिछले वर्ष 15 मार्च को जारी की थी। 

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 14 February 2025 at 07:19 IST