अपडेटेड 29 July 2024 at 23:19 IST
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सोमवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय में बजरंगबली की शक्ति है और जरूरत है केवल उन्हें जगाने की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के पिछड़ा वर्ग मोर्चा की कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए ये बात कही।
सभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा-
अतीत में जिस तरह विदेशी आक्रांताओं ने हिंदू समाज को बांटने का षड्यंत्र रचा था, उसी प्रकार विपक्षी दल भी छद्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदू समाज को आपस में लड़ाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। OBCसमाज में बजरंगबली की शक्ति है, बस उन्हें जागृत करने की जरूरत है। हिंदू समाज को बांटने में लगे ‘रावण’ की लंका को जलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। पिछले साढ़े छह साल में प्रदेश में सरकारी नौकरियों में साढ़े छह लाख भर्तियां हुई हैं, जिसमें 60 फीसदी ओबीसी समाज के लोग भर्ती हुए हैं।
सपा सरकार पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सरकार में साल 2015-2016 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा की आयोग की भर्ती में 86 में से 56 एसडीएम एक ही जाति विशेष के चयनित हुए थे जो कि ओबीसी समाज के हितों पर कुठाराघात था। CM योगी ने आरोप लगाया-
माध्यमिक शिक्षा की 69,000 भर्ती पर सवाल उठाने वाले लोग समाजवादी पार्टी के वही मोहरें हैं, जिन्होंने 86 में से 56 एक ही परिवार और एक ही समाज के लोगों को भर्ती किया था। हमारी सरकार में माध्यमिक शिक्षा में 12,5000 शिक्षकों की भर्ती हुई। अगर 69,000 भर्ती में 27 प्रतिशत आरक्षण की बात करें तो 18,200 ओबीसी शिक्षक भर्ती होते, लेकिन ओबीसी समुदाय से 31,500 शिक्षक भर्ती हुए।
'भर्ती प्रक्रिया को विवादित बनाने की साजिश'
योगी ने कहा कि विपक्षी दलों को इस बात की चिंता है कि ओबीसी समाज के युवा अपने बुद्धि और विवेक के बल पर कैसे इतनी अधिक सीट प्राप्त कर रहे हैं, इसलिए वह भर्ती को विवादित करने की साजिश रचते हैं। उन्होंने कहा-
‘सपा, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस की सरकार में कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया था। कांवड़ यात्रा केवल शिव भक्तों का मंगलगान ही नहीं है बल्कि इसके साथ रोजगार भी जुड़ा है। कांवड़ यात्रा से छोटे दुकानदारों और हस्तशिल्पियों का रोजगार भी मिलता है, जिसे पूर्ववर्ती सरकारों ने रोकने का कार्य किया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में 60 और सपा ने चार-चार बार शासन किया, लेकिन इन दलों की सरकारों ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के लिए कुछ नहीं किया क्योंकि ओडीओपी से जुड़े हस्तशिल्पी ओबीसी समाज से आते हैं। योगी ने कहा-
2006 में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हुई थी। उस हत्याकांड में कृष्णानंद राय के साथ जान गंवाने वालों में उमेश पटेल और रमेश यादव भी थे। क्या वे ओबीसी समाज से नहीं थे? राजू पाल और उमेश पाल की प्रयागराज में जिस माफिया ने हत्या की थी, उस माफिया को गले से किसने लगाया था, इसे सब जानते हैं।
मुख्यमंत्री कहा कि सपा ने माफिया को गले से लगाकर प्रदेश को अराजकता, गुंडागर्दी और दंगों की आग में झोंकने का कार्य किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने ओबीसी समाज की नौकरियों में डकैती डाली, जिन लोगों ने युवाओं का रोजगार छीना और जिन लोगों प्रदेश के सामने खुद की पहचान का संकट खड़ा किया, वे लोग आज समाज में फूट डालो और राज करो की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा ने ओबीसी समाज के लोगों का रोजगार छीना जबकि भाजपा ने इस समाज के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया।
आस्था के साथ हो रहा खिलवाड़
योगी ने कहा-
आपकी आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विपक्षी दल अयोध्या, मथुरा, काशी, कांवड़ यात्रा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, होली, दीपावली, त्योहार, दंगे और माफिया राज की बात नहीं करेंगे।
बता दें कि इस बैठक में भाजपा नेता संगम लाल गुप्ता, नरेंद्र कश्यप व अन्य उपस्थित थे।
पब्लिश्ड 29 July 2024 at 23:19 IST