अपडेटेड 19 November 2024 at 19:45 IST
Sambhal: हिंदू पक्ष की जीत के बाद सर्वे के लिए शाही जामा मस्जिद पहुंची टीम,मुस्लिम समुदाय में आक्रोश
हिंदू पक्ष ने शाही जामा मस्जिद की जगह पर वहां श्री हरि हर मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है।
- भारत
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Sambhal Masjid Controversy: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद और मंदिर को लेकर एक और विवाद सामने आया है। मंदिर होने का दावा कर रहे हिंदू पक्ष को मामले में बड़ी जीत मिली। कोर्ट ने सर्वे का आदेश दे दिया। इसके बाद सर्वे टीम भी शाही जामा मस्जिद में पहुंच गई।
हिंदू पक्ष ने शाही जामा मस्जिद की जगह पर वहां श्री हरि हर मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है।
शाही जामा मस्जिद पहुंची सर्वे टीम
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने वहां मंदिर होने का दावा पेश किया है। इस पर सुनवाई करते हुए बुधवार (19 नवंबर) को कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद में कमिश्नर सर्वे कराने का आदेश दिया।
आदेश मिलने के बाद आज ही सर्वे टीम संभल के शाही जामा मस्जिद पहुंच गई। इस दौरान डीएम और एसपी समेत भारी पुलिस बल के साथ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी वहां पहुंचे। हालांकि याचिकाकर्ता केला देवी के महंत ऋषि राज गिरी को मस्जिद में प्रवेश नहीं करने दिया गया। वह गेट के बाहर खड़े हैं।
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सपा सांसद भी मस्जिद पहुंचे
वहीं इस बीच सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी शाही जामा मस्जिद पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि पिछले करीब एक घंटे से सर्वे टीम शाही जामा मस्जि में मौजूद है। इस दौरान संभल से विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल भी शाही जामा मस्जिद में दाखिल हुए हैं।
सर्वे टीम के पहुंचने से मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है। वहीं वहां भारी पुलिस बल की तैनाती भी की गई है।
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सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश
जानकारी के अनुसार संभल जिले में एक प्राचीन जामा मस्जिद स्थित है, जिसको लेकर दावा किया जा रहा है कि यह भगवान विष्णु का हरि हर मंदिर है। मामले में कोर्ट की ओर से एडवोकेट कमिश्नर की तैनाती के आदेश दिए गए हैं। वह सर्वे करके अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।
वकील विष्णु शंकर जैन का बड़ा दावा
विवाद पर वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि संभल में श्री हरि हर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार संभल में होगा। 1529 में बाबर ने यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी। उसी को लेकर दावा पेश किया गया है।
उन्होंने कहा कि ये एक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) प्रोटेक्टेड एरिया है, इसलिए यहां किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता। वहां बहुत सारे चिन्ह और निशान हैं जो मंदिर के है। इनको ध्यान में रखकर कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 19 November 2024 at 19:45 IST