अपडेटेड 8 January 2024 at 06:47 IST

आगरा में बन रहीं ये खास पायल बढ़ाएगी मां सीता के पैरों की शोभा, हिंदू-मुस्लिम कारीगर कर रहे तैयार

पायल में माता जानकी की पसंदीदा मयूर आकृति का स्वरूप उकेरा गया है। वहीं, इनमें मोर के पंखों में अलग-अलग रंग के नगों को भी जड़ा गया है

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Anklets for Maa Sita
मां सीता के लिए बन रही खास पायल | Image: Republic

Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी 2024 की तारीख ऐतिहासिक होने वाली हैं। लंबे संघर्ष और इंतजार के बाद इसी दिन अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही हैं। इस आयोजन को खास बनाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही हैं। हर छोटी-बड़ी चीज का काफी ख्याल रखा गया है।

खबर में आगे पढ़ें…

  • मां जानकी के पैरों में पहनाई जाएंगी आगरा की खास पायल
  • जानिए किस तरह से तैयार हो रही ये पायल?
  • पायल बनाने वाले लोगों का क्या है कहना?

हिंदू-मुस्लिम कारीगर मिलकर बना रहे ये पायल

माता जानकी को जो पायल पहनाई जाएगी, वह भी बेहद ही खास होगी। इसे विशेष तौर पर आगरा में तैयार किया जा रहा है। आगरा की नमक की मंडी में इन चांदी की पायलों को बनाया जा रहा है, जो माता सीता के पैरों की शोभा बढ़ाएगी। खास बात यह है कि पिछले 15 दिनों से इन पायलों को हिंदू और मुस्लिम कारीगरों द्वारा मिलकर तैयार की जा रही है। 22 जनवरी से पहले सराफा बाजार एसोसिएशन इन पायलों को अयोध्या पहुंचाएगा।

जानिए पायल की खासियत...

इस पायल में माता जानकी की पसंदीदा मयूर आकृति का स्वरूप उकेरा गया है। वहीं, इनमें मोर के पंखों में अलग-अलग रंग के नगों को भी जड़ा गया है, जो इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं। पायल में दोनों साइड में गोल चक्र भी लगाए गए। यह मोटर की सहायता से घूमेंगे।

पायलों में मार्बल मीना डिजाइन इस्तेमाल किया जा रहा है। पायल बनाने के पूरे काम को हाथों से बेहद ही बारीकी से किया जा रहा है। इस विशेष चांदी की पायल का वजन 551 ग्राम होगा। गौरतलब है कि आगरा को चांदी का हब कहते हैं। यहां एशिया की सबसे बड़ी चांदी की मंडी है।

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'ये हमारे लिए सौभाग्य की बात...'

वहीं, इस खास अवसर पर सराफा बाजार एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने कहा कि 500 सालों के बाद प्रभु श्रीराम अयोध्या लौट रहे हैं। ऐसे में देश के हर कोने से लोग अपना सहयोग मंदिर निर्माण से लेकर प्रभु के विराजमान होने में दे रहे हैं। हमने भी सोचा कि आगरा से भी कोई ऐसी चीज बनकर जाए जो मंदिर की शोभा बढ़ाएं। उस दौरान ही हमें पायल का ख्याल आया। यहां से मां जानकी के पैरों की शोभा बढ़ाने वाली पायल बनकर जाएगी, जो हमारे लिये सौभाग्य की बात होगी।

पायल बनाने वाले फाजिल अली कहते हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इस काम को करने का सौभाग्य उन्हें मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे हाथों की बनी पायल अयोध्या जाएंगी, जिन्हें मां सीता के पैरों में पहनाया जाएगा। हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा सौभाग्य हमारा होगा।

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फाजिल अली ने कहा कि प्रभु श्रीराम सबके हैं। 22 जनवरी को जब मां जानकी के साथ भगवान श्रीराम मंदिर में विराजेंगे और मां सीता हमारे हाथों की बनी पायल पहनेगी तो हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। सभी हिंदू और मुस्लिम भाई मिलकर उत्सव मनाएंगे।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 7 January 2024 at 22:28 IST