अपडेटेड 22 April 2025 at 13:10 IST
'अखिलेश यादव को आने की क्या जरूरत, 12 साल की मासूम से रेप बड़ी घटना नहीं', सपा सांसद रामजी लाल सुमन का फिर विवादित बयान
राणा सांगा पर दिए सपा सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान का बवाल अभी थमा भी नहीं था कि उनके एक और बयान ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है।
- भारत
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राणा सांगा पर दिए सपा सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान का बवाल अभी थमा भी नहीं था कि उनके एक और बयान ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है। दरअसल आगरा में 17 अप्रैल की रात दलित बच्ची से बलात्कार हुआ था। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए रामजीलाल सुमन ने कहा, ये कोई बड़ी घटना नहीं है। सपा सांसद से जब यह पूछा गया कि पीडि़ता से मिलने अखिलेश यादव आगरा आएंगे? इसपर जवाब देते हुए रामजी लाल सुमन ने कहा, ये कोई इतनी बड़ी घटना नहीं है कि अखिलेश यादव को आने की आवश्यक्ता पड़े।
आपको बता दें कि बीते दिनों थाना खेरागढ़ क्षेत्र में 12 साल की दलित बच्ची के साथ रेप हुआ था। इसके बाद पुलिस अब आरोपी की गिरफ्तारी में जुटी हुई है। इस बीच पीड़ित परिवार से राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात भी की। इस दौरान उन्होंने कहा, 'यह इतना बड़ा मामला नहीं है कि अखिलेश यादव यहां पर आए। हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ आएं हैं।' सपा से राज्यसभा सांसद ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने का भरोसा भी दिलाया है।
सपा सांसद के विवादित बयान पर बीजेपी का पलटवार
रामजी लाल सुमन के इस बयान पर योगी आदित्यनाथ के मंत्रियों ने पलटवार किया। मंत्री असीम अरुण ने कहा कि सपा ने दलितों पर अत्याचार किया है, इसलिए उन्हें हर घटना छोटी लगती है। कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने सपा सांसद को अवसरवादी बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुमन के बयानों के पीछे अखिलेश यादव का हाथ है। संजय निषाद ने कहा कि अगर यादव असहमत होते, तो सुमन को पार्टी से बाहर निकाल देते। ये सपा में पुरानी परंपरा है कि नेताओं से विवादित बयान दिलवाए जाते हैं।
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रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को कहा था गद्दार
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रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा पर चर्चा करते समय राणा सांगा को गद्दार तक कह दिया था। सुमन ने कहा था, उन्हें सच स्वीकार करना होगा। बाबर को राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए आमंत्रित किया था। उन्हें गलतफहमी थी कि, बाबर एक लुटेरा है और वो लूटपाट कर वापस चला जाएगा। इसके बाद वह शासन करेंगे। दोनों में यह समझौता हुआ था कि इब्राहिम लोदी पर बाबर और आगरा पर राणा सांगा हमला करेंगे। मनमुटाव होने पर जब यह समझौता टूट गया तो दोनों के मध्य खानवा के मैदान में युद्ध हुआ। राणा सांगा बहादुरी से लड़े, लेकिन हार गए। यह इतिहास है, और इसे कौन नकार सकता है।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 22 April 2025 at 12:54 IST