अपडेटेड 12 January 2024 at 12:27 IST
अयोध्या में दुकानदारों की बल्ले-बल्ले, बोले- राजनीतिक दल कुछ भी कहें, हमारी कमाई तो बढ़ रही...
Ayodhya का कायाकल्प सोच से परे था। लेकिन जो हुआ है वो सुखद है। विकास का पहिया घुमा है तो लोगों के आर्थिक हालात में भी सकारात्मक बदलाव दिखने लगा है।

Ayodhya Economy: श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले विकास का पहिया ऐसा घुमा है कि अवधपुरी निवासी खुशी से फूले नहीं समा रहे। केन्द्र और राज्य की योगी सरकार को इसका श्रेय दे रहे हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ है, सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है, सैलानियों का रुझान धार्मिक नगरी की ओर बढ़ा है। नतीजतन बिजनेस बढ़ा है और लोगों का जीवन बदल गया है।
खबर में आगे पढ़े
- दान और समर्पण निधि से मंदिर का निर्माण, अपेक्षा से बहुत ज्यादा!
- इंटरनेशनल एयरपोर्ट और बड़े होटल्स से चमकी किस्मत
- योगी सरकार को क्यों कह रहे दुकानदार धन्यवाद?
'अवधपुरी अति रुचिर बनाई'
धार्मिक नगरी को बड़े प्यार, मान और रुचि से गढ़ा जा रहा है। शिलान्यास के दिन ही योगी सरकार ने राज्य बजट में अयोध्या को तरजीह देने का संकल्प दिखाया था। प्रतिबद्धता को पूरा किया और इंफ्रास्ट्रक्चर को इतना सुदृढ़ किया कि आम अयोध्या वासी फूला नहीं समा रहा। बड़े मान से कह रहे हैं उन्हें राजनीतिज्ञों की सोच से फर्क नहीं पड़ता लेकिन जो कुछ भी अयोध्या में हुआ है उसने उनकी जिंदगी बदल दी है। दुकानदारों की राय कहने से गुरेज नहीं करते कि पहले जो कमाई 2000 थी वो अब बढ़ कर 10 से 15 हजार तक पहुंच गई है। विश्वास के साथ ये भी कहते हैं कि आने वाले समय में ये भी डबल हो जाएगा।
बदल गई अयोध्या?
आज अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं, होटल्स की संख्या में दिनों दिन इजाफा हो रहा है, लोगों के आने से स्थानीय लोगों की कमाई भी बढ़ रही है। इसका श्रेय आमजन उस सरकार को देते हैं जिसने उनके सपने को सच कर दिखाया। छोटे दुकानदार खुश हैं कि सड़क के किनारे अब उन्हें पक्की दुकानें मिल गई हैं। पहले तो प्लास्टिक के टेंट में बैठ चीजें बेचा करते थे।
आंकड़े सुखद हैं!
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोगों की आमद बढ़ेगी। उनके अनुसार साल 2021 में अयोध्या आने वाले टूरिस्ट की संख्या सिर्फ 3.25 लाख थी, जो 2022 में 85 गुना बढ़कर 2.39 करोड़ हो गई थी। उम्मीद है कि मंदिर बनने के बाद टूरिज्म 8 से 10 गुना बढ़ेगा और ऐसा होता है तो अनुमान है कि हर साल अयोध्या में 20-25 करोड़ टूरिस्ट आएंगे।
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दान से बना मंदिर
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने 11 करोड़ लोगों से 900 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन तब सब चौंक गए जब उम्मीद से लगभग चार गुना रकम दान मिल गया। करीब 3200 करोड़ रुपए समर्पण निधि के रूप में आए और उसके ब्याज से ही प्रथम तल बनकर तैयार हो गया। बताया जा रहा है कि करीब 18 करोड़ लोगों ने पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते में करीब 3,200 करोड़ रुपए समर्पण निधि के तौर पर जमा किए हैं। ट्रस्ट ने इन बैंकों में पैसे की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करा दी है, जिससे मिलने वाले ब्याज से ही मंदिर का वर्तमान निर्माण कार्य चल रहा है।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 12 January 2024 at 12:27 IST