अपडेटेड 15 December 2024 at 14:33 IST

'जिन दरिंदों ने संभल में नरसंहार...', 46 साल बाद खुले मंदिर के द्वार तो योगी का विपक्ष से तीखा सवाल

सीएम योगी ने विपक्ष से सवाल किया है कि संभल में इतना प्राचीन मंदिर क्या रातों-रात प्रशासन ने बना दिया? क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई?

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CM Yogi on Sambhal Mandir
CM Yogi on Sambhal Mandir | Image: ANI

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) वाले इलाके में एक 400 साल पुराने मंदिर का पता चला है। ये मंदिर पिछले 46 सालों से बंद था। संभल जिला प्रशासन ने शनिवार को सालों से बंद पड़े इस भस्म शंकर मंदिर को खोला, जिसमें हनुमान की एक मूर्ति और एक शिवलिंग था। रविवार को मंदिर में सुबह की आरती हुई और फिर महादेव का रुद्राभिषेक हुआ। इतने सालों से ये मंदिर क्यों बंद पड़ा था, इसे लेकर सीएम योगी ने विपक्ष से तीखे सवाल किए हैं।


संभल जिला प्रशासन शनिवार को नखासा पुलिस थाने के अंतर्गत खग्गू सराय इलाके में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान के तहत जांच के लिए पहुंची थी। क्षेत्र का निरीक्षण करते समय प्रशासन की टीम अचानक इस बंद पड़े मंदिर में पहुंचे। आलाधिकारियों की मौजूदगी में प्रशासन ने 46 साल से बंद बताये जा रहे भस्म शंकर मंदिर को खोला, जिसमें हनुमान की एक मूर्ति और एक शिवलिंग था। स्थानीय लोगों ने बताया कि 1978 में सांप्रदायिक दंगों के बाद हिंदू समुदाय के सदस्यों के यहां से पलायन करने के बाद से ही यह मंदिर बंद था। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने सवाल उठाया है कि क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई?

सीएम योगी ने उठाया संभल नरसंहार का मुद्दा

सीएम योगी ने विपक्ष से सवाल किया है कि संभल में इतना प्राचीन मंदिर क्या रातों-रात प्रशासन ने बना दिया? क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई? शिवलिंग निकला है तो लोगों की आस्था भी रही होगी इस मंदिर से। लोगों की आस्था को खत्म करने का काम किसने किया है। उन दरिंदों को आज तक सजा क्यों नहीं मिली, जिन्होंने 46 वर्ष पहले संभल में नरसंहार किया था? इस पर चर्चा क्यों नहीं होती है? निर्दोष लोगों की क्या गलती थी जो संभल नरसंहार में मारे गए थे। विपक्ष इस पर जवाब नहीं देगा। मगर हमारे काम पर सवाल जरूर उठाएगा।

 संभल भस्म शंकर मंदिर में रुद्राभिषेक

रविवार को 46 साल बाद इस मंदिर में सुबह की आरती हुई। नमाज की आवाज के बीच बर्क के मोहल्ले में रविवार को शंख और घंटी की भी आवाज गूंजी। बढ़ी संख्या में लोग आरती में शामिल भी हुए। सुबह की आरती के बाद महादेव का रुद्राभिषेक हुआ। पंडित की मौजूदगी के बीच भगवान भोले का रुद्राभिषेक  किया गया। इसके बाद उनकी श्रृंगार पूजा की गई। बड़ी संख्या में हिंदु समाज के लोग इस रुद्राभिषेक में शामिल होने पहुंचे थे।

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 शाही मस्जिद से 500 मीटर की दूरी पर मंदिर

रविवार को पूरा इलाका कुछ देर हर-हर महादेव की जयकार गुंज उठा। सुरक्षा के मद्देनजर यहां प्रशासन की भी मौजूदगी थी। विधि-विधान पूजा-पाठ के बाद मंदिर आम लोगों के लिए खोला दिया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर पर मुस्लिमों ने कब्जा कर मकान में मिला लिया था। इतना ही नहीं मंदिर के बराबर कुएं को भी पाट दिया गया था। बता दें कि भस्म शंकर मंदिर सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क के आवास से महज दो सौ और सर्वे को लेकर चर्चा में आई शाही मस्जिद से पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित है।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 15 December 2024 at 14:25 IST