अपडेटेड 19 November 2025 at 13:04 IST
9 मजिस्ट्रेट, 8 थानों की पुलिस, 400 CCTV और ड्रोन से निगरानी... हरिहर पदयात्रा को लेकर किले में तब्दील हुआ संभल, 200 जवानों की तैनाती
हरिहर सेना की पदयात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश का संभल जिला छाबनी में तब्दील हो गया है। 9 मजिस्ट्रेट, 8 थानों की पुलिस, 200 जवानों की तैनाती, 400 CCTV और ड्रोन से इस पदयात्रा की निगरानी की जा रही है।
- भारत
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उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद के बीच हरिहर सेना ने 19 नवंबर को पदयात्रा का ऐलान किया था। पदयात्रा अब शुरू हो रही है, जो कैला देवी मंदिर से शुरू होकर विवादित जामा मस्जिद तक जाएगी। इसे लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। कई थानों की पुलिस, CCTV और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। जिले में धारा 163 लागू है।
हरिहर सेना की पदयात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने पूरे संभल को हाई अलर्ट जोन घोषित कर दिया है और संवेदनशील इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जिले में धारा 163 लागू होने के कारण एसपी ने जुलूस की अनुमति से इनकार किया है। कई जगहों पर बैरियर लगाकर लोगों को रोकने की कोशिश हो रही है। कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद है।
हरिहर पदयात्रा को लेकर अभेद किला बना संभल
संभल में 9 मजिस्ट्रेट, 8 थानों की पुलिस ने पूरी मुस्तैदी के साथ हालात को कंट्रोल में रखा है। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा, “संभल का माहौल किसी भी कीमत पर खराब नहीं होने दिया जाएगा। अफवाह फैलाने, भड़काऊ गतिविधि करने या शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा जिले में BNS की धारा 163 लागू की गई है।”
शहर में ऐसी है थ्री-लेयर सुरक्षा व्यवस्था
- चप्पे-चप्पे पर पुलिस और पीएसी की तैनाती
- ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी
- 400 CCTV से निगरानी
- पूरे जिले में 9 मजिस्ट्रेट तैनात, हर एक को अलग-अलग जोन और सेक्टर की जिम्मेदारी
- रियल-टाइम मॉनिटरिंग और त्वरित कार्रवाई के लिए कंट्रोल रूम सक्रिय
क्यों निकाली गई है पदयात्रा?
बता दें कि आज से ठीक एक साल पहले नवंबर 2024 में संभल की शाही जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे शुरू हुआ था। सर्वे के दौरान मस्जिद परिसर में मंदिर से जुड़े अवशेष मिलने का दावा किया गया था, जिसके बाद से हिंदू संगठनों ने वहां हरिहर मंदिर होने का दावा तेज कर दिया। इसे लेकर ही आज की पद यात्रा निकाली गई है।
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जानकारी की मुताबिक, कैला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी, जिन्होंने जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर प्रकरण में याचिका दायर की है, उन्होंने इस पदयात्रा का ऐलान किया था। 19 नवंबर यानी बुधवार को हरिहर मंदिर पदयात्रा को लेकर साधु-संतों की भारी भीड़ उमड़ी है। पदयात्रा को लेकर भक्तों में काफी उत्साह है। वहीं, प्रशासनिक एजेंसियों के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 19 November 2025 at 12:54 IST